नवरात्र मेले : चिंतपूर्णी और नयनादेवी में नहीं लगाए जा सकेंगे लंगर

Wednesday, Oct 14, 2020 - 04:14 PM (IST)

नयनादेवी में प्रसाद चढ़ाने व हवन की भी अनुमति नहीं

ऊना/नयनादेवी (सुरेन्द्र/मुकेश): 17 अक्तूबर से शुरू हो रहे चिंतपूर्णी नवरात्र मेलों के दौरान निजी लंगर लगाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। ऐसी ही व्यवस्था नयनादेवी में होगी। यहां भी न तो लंगर बांटने की परमिशन मिलेगी और न ही माता का सदाव्रत लंगर ही चलेगा। इसके अतिरिक्त नवरात्रों के दौरान पूर्व की भांति नयनादेवी में न तो  हवन यज्ञ करने की इजाजत होगी और न ही माता जी को प्रसाद चढ़ाने की प्रमीशन होगी। कोविड-19 वायरस के संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ऊना व बिलासपुर ने यह फैसला लिया है। डीसी ऊना ने लंगर लगाने वाली सभी संस्थाओं से सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि श्रद्धालुओं को कोरोना वायरस से बचाने के लिए लंगर न लगाएं और प्रशासन की मदद करें।

कन्या पूजन की इजाजत नहीं

चिंतपूर्णी में नवरात्र मेलों के अवसर पर मंदिर परिसर में हवन के आयोजन और कन्या पूजन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। डी.सी. ने कहा कि मेले के दौरान श्रद्धालुओं के प्रसाद, नारियल व झंडा इत्यादि चढ़ाने के अतिरिक्त ढोल-नगाड़े, लाऊड स्पीकर व चिमटा इत्यादि बजाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

यहां मिलेगी दर्शन पर्ची

डीसी ऊना ने बताया कि श्रद्धालु प्रात: 5 से रात्रि 11 बजे तक दर्शन कर सकेंगे और दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को दर्शन पर्ची ए.डी.बी. भवन, शंभू बैरियर, एडीबी पार्किंग और एमआरसी पार्किंग से प्राप्त हो सकेगी। इसके अतिरिक्त कोविड-19 वायरस की रोकथाम के लिए प्रत्येक श्रद्धालु की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी।

मालवाहक वाहनों में न आएं

डीसी ऊना ने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि वे मंदिर में मालवाहक वाहनों में न आकर बसों के माध्यम से ही आएं। उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन द्वारा पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी तथा श्रद्धालु केवल चिन्हित स्थानों पर ही अपने वाहन पार्क करें।

छोटे बच्चों और बुजुर्गों को दर्शन के लिए न लाएं

उधर, विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्रीनयनादेवी में शारदीय नवरात्रों के दौरान श्रद्धालुओं को 22 घंटे माता के दर्शनों की सुविधा मिलेगी। श्रीनयनादेवी मंदिर अधिकारी हुसन चंद ने श्रद्धालुओं से अपील है कि मेला के दौरान लंगर बंद रहेंगे। उन्होंने कहा है कि नवरात्र मेलों के दौरान माता जी के दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालु अपने खाने-पीने की व्यवस्था स्वयं करके आएं। उन्होंने बताया कि  मंदिर में नारियल व कड़ाह प्रसाद चढ़ाने पर भी मनाही रहेगा। उन्होंने बताया कि जगह-जगह पर आटो सैनिटाइजर मशीनें लगाई गई हैं।  इसके अलावा मंदिर को समय-समय पर सैनिटाइज किया जाएगा।  उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील है कि वह छोटे-छोटे बच्चों और 65 साल से ज्यादा की उम्र के बुजुर्गों को मंदिर में दर्शन के लिए नहीं लाएं। वहीं मंदिर आने वाले सभी श्रद्धालुओं से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील करते हुए डीसी ऊना ने कहा कि सोशल डिस्टैंसिंग का ध्यान रखें तथा मास्क का प्रयोग अवश्य करें। डीसी ने अपील की है कि बीमार, बुजुर्ग तथा बच्चे नवरात्र के दौरान मंदिर न आएं। किसी भी व्यक्ति में अगर खांसी, जुकाम, बुखार या सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण हैं तो वे भी मेलों में आने से परहेज रखें। उन्होंने कहा कि लक्षण वाले व्यक्तियों को आइसोलेट किया जाएगा।

रात 10 बजे तक खुला रहेगा ज्वालामुखी मंदिर

ज्वालामुखी : शक्तिपीठ ज्वालामुखी मन्दिर में व्यापार मंडल दुकानदारों को येलो लाइन से पीछे ही रखेगा ओर श्रद्धालुओं के साथ कोई बदसलूकी न हो इसका खास ध्यान रखा जाएगा। टैक्सी व ऑटो चालक जायज पैसे लेकर श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक पहुंचाएंगे और शहर में पार्किंग व ट्रैफिक व्यवस्था पुलिस सुचारू रूप से बनाये रखने को जगह जगह पुलिस मुस्तैद रहेगी। श्रद्धालुओं को बढिय़ा दर्शन हों इसके लिए 2 एलईडी स्थापित की जा रही है। इसके अलावा नवरात्रों में स्थानीय व लोकल भी पर्ची द्वारा ही दर्शन करेंगे। पुजारी वर्ग अपने ड्रैस कोड में दर्शन कर पाएंगे। नवरात्र के दौरान मंदिर देर रात 10 बजे तक खुला रहेगा। इस बीच भी यदि श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होगी तो यहां 10 बजे के बाद भी मन्दिर प्रसाशन द्वारा श्रद्धालुओं को दर्शन करवाने की व्यवस्था की गई है।

Vijay