तस्वीरों में देखिए, अमरनाथ से भी कठिन है इस तीर्थस्थल की यात्रा, ऐसे होते हैं दर्शन

Thursday, Jun 29, 2017 - 03:29 PM (IST)

कुल्‍लू: माना जाता है कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा के बाद सबसे कठिन यात्रा बाबा बर्फानी (अमरनाथ) की है लेकिन क्या आप जानते है कि इसकी यात्रा से भी कठिन भोलेनाथ की एक और यात्रा है। जी हां! हिमाचल प्रदेश के श्रीखंड महादेव की यात्रा के आगे अमरनाथ की चढ़ाई कुछ भी नहीं है। इसकी ऊंचाई जहां 14000 फीट है वहीं श्रीखंड महादेव की ऊंचाई 18570 फीट है। श्रीखंड महादेव कुल्लू जिला में समुद्रतल से 18 हज़ार की ऊंचाई पर स्थित है। यहां श्रद्धालु 72 फुट लम्बे शिवलिंग के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आते हैं। बताया जा रहा है कि श्रीखंड महादेव यात्रा 15 से 30 जुलाई तक आयोजित की जाएगी। इसका रास्ता हिमाचल के रामपुर बुशहर से जाता है। यहां से निरमंड, उसके बाद बागीपुल और आखिर में जांव के बाद पैदल यात्रा शुरू होती है।




इस चोटी पर है 'भगवान शिव' का वास
स्थानीय लोगों के अनुसार इस चोटी पर 'भगवान शिव' का वास है। इसके शिवलिंग की ऊंचाई 72 फीट है। यहां तक पहुंचने के लिए सुंदर घाटियों के बीच से एक ट्रैक है। अमरनाथ यात्रा के दौरान लोग जहां खच्चरों का सहारा लेते हैं। वहीं, श्रीखंड महादेव की इतनी कठिन चढ़ाई के बावजूद भी कोई खच्चर घोड़ा चल ही नहीं सकता। 25 जुलाई को श्रद्धालुओं का अंतिम जत्था भेजा जाएगा, जो 30 जुलाई को लौट आएगा। यात्रा से पहले 6 जुलाई को निरमंड से पारंपरिक अंबिका माता की छड़ी श्रीखंड महादेव के दर्शन करेगी। इस बार अधिक बर्फ जमने के चलते यात्रा में दो रेस्क्यू दल श्रीखंड महादेव के रास्ते का पूरा मुआयना करेंगे। उपायुक्त कुल्लू यूनुस ने बताया कि जुलाई पहले सप्ताह में ये दोनों दल श्रीखंड के रास्तों का मुआयना करेंगे और रिपोर्ट देंगे। रिपोर्ट के बाद यात्रा को आसान बनाने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। क्षेत्र में हवाई सेवाओं की संभावनाओं को तलाशा जाएगा। संभव होगा तो हैलीकाप्टर सेवाएं दी जाएंगी।



यात्रा के लिए ये होंगे बेस कैंप 
पार्वती बाग: इस अंतिम बेस कैंप में मनाली का रेस्क्यू दल, पुलिस और होमगार्ड के जवान रहेंगे।
थाचडू, भीमडवारी: इन कैंपों में डॉक्टर और पुलिस जवान मौजूद रहेंगे। 
सिंघगाड: यहां श्रद्धालुओं का पंजीकरण और स्वास्थ्य जांच होगी।


100 रुपए लगेगी पंजीकरण फीस
इस बार प्रति यात्री पंजीकरण फीस 100 रुपए की गई है। यात्री पंजीकृत मैडिकल संस्थान से अपना स्वास्थ्य फिटनेस प्रमाणपत्र ला सकते हैं। बिना फिटनेस श्रद्धालु यात्रा में हिस्सा नहीं ले सकते।