यहां अमरनाथ से भी ऊंचा है शिवलिंग, हर मनोकामना होती है पूरी (Watch Pics)

Wednesday, Feb 07, 2018 - 01:10 PM (IST)

कुल्लू: पर्यटन नगरी मनाली के समीप दुनिया का सबसे बड़ा बर्फ का प्राकृतिक शिवलिंग प्रकट होना शुरू हो गया है। प्राकृतिक तौर पर बनने वाले इस शिवलिंग की ऊंचाई 40 फुट तक पहुंचती है और अभी इसकी ऊंचाई 8 फुट तक बन चुकी है जबकि यह शिवलिंग 40 फुट तक ऊंचा बनता है। इस शिवलिंग को अंजनी महादेव के नाम से जाना जाता है तथा सर्दियों के मात्र 3 माह ही इसके दर्शन होते हैं। यह 12,050 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। लिहाजा जहां सांसें भी साथ छोड़ देती हैं, वहां पर 40 फुट ऊंचे शिवलिंग को देखने के लिए श्रद्धालु जान जोखिम में डाल कर पहुंच रहे हैं। मान्यता है कि यहां दर्शन से हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। अमरनाथ के बाबा बर्फानी के शिवलिंग से भी यह शिवलिंग काफी बड़ा व ऊंचा बनता है।


आज भी सजता है यहां शिव दरबार 
यहां के इतिहास पर नजर दौड़ाई जाए तो बताया जाता है कि माता अंजनी ने यहां मुक्ति पाने के लिए तपस्या की थी। भगवान शिव ने दर्शन दिए थे तभी से यहां पर प्राकृतिक तौर पर बर्फ का शिवलिंग बनता है। इसकी देख-रेख करने वाले बाबा नंदु ने बताया कि आज भी शिव भगवान रात 12 बजे अपने गणों के साथ यहां आते हैं और नृत्य करते हैं। बाबा नंदु ने बताया कि यहां पर देवताओं का हर रात दरबार सजता है और सभी श्रद्धालु भगवान शिव सहित अन्य देवतागणों की आवाज को महसूस कर सकते हैं। 


विश्वभर से मीडिया भी यहां शिवलिंग को अपने कैमरे में कैद करने पहुंच रहा है। यह विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी सोलंगनाला से अढ़ाई किलोमीटर की चढ़ाई चढ़ने के बाद दिखाई देता है। बाबा नंदु ने बताया कि भगवान शिव ने उन्हें यह कहा था कि भविष्य में इस स्थान को अंजनी महादेव के नाम से जाना जाएगा। यकीन मानें कि इस स्थान पर पहुंचना खतरे से खाली नहीं है। भारी बर्फ के बीच प्राकृतिक तौर पर विराजमान हुए बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अमरनाथ से पहले लोग मनाली पहुंच रहे हैं। यहां लोगों को भोले नाथ के साक्षात दर्शन हो रहे हैं।


बर्फ पर नंगे पांव चलने पर भी नहीं काटती बर्फ 
खास बात यह है कि बर्फ के बीच अंजनी महादेव के नंगे पांव चलकर दर्शन किए जाते हैं और श्रद्धालुओं को यह बर्फ नहीं काटती है। गौर रहे कि इसमें चलने से गैंगरिंग होती है किंतु यहां पर ऐसा दैवीय चमत्कार है कि बर्फ में नंगे पांव चलने से भी श्रद्धालुओं का बाल भी बांका नहीं होता है। आजकल जहां शिवलिंग को देखने के लिए श्रद्धालु मनाली से पहले सोलंगनाला बस द्वारा व इसके बाद पैदल यहां पहुंच रहे हैं।