हमेशा चेहरे पर मुस्कान, इस Staff Nurse की पहचान

Sunday, Jan 06, 2019 - 03:53 PM (IST)

चम्बा: तनाव भरी जिंदगी में बहुत कम शख्सियतें ऐसी हैं जो दूसरों के लिए खुशी का कारण बनती हैं। अस्पताल में कार्यरत कर्मचारी या डाक्टर जब एक मुस्कान के साथ आपको ट्रीट करता है तो आधी बीमारी तो वैसे ही गायब हो जाती है। ऐसी ही मुस्कान लिए अपनी पहचान बनाए है जवाहर लाल नेहरू मैडीकल कॉलेज एवं चिकित्सालय चम्बा में कार्यरत स्टाफ नर्स सरोज ठाकुर। अपने रोज के काम में कभी भी ऐसा पल नहीं देखा गया जब उन्होंने काम का बोझ समझते हुए उसे परेशानी के भाव किसी दूसरे पर व्यक्त किया हो। उनकी इसी खासियत को लेकर रोगियों से लेकर उनके तीमारदार व चिकित्सक प्रबंधन उन पर गर्व महसूस करता है।

मदर टैरेसा के जीवन से हुर्ईं प्रभावित

सरोज बताती हैं कि वैसे तो उन्हें हमेशा सबका सहयोग मिला है लेकिन एम.डी. डॉक्टर पंकज गुप्ता व डॉक्टर जितेंद्र महाजन की कार्यप्रणाली में रोगियों के प्रति सेवा भाव, मदद करने से वह बेहद प्रभावित हुईं, वहीं स्वास्थ्य क्षेत्र में उक्त दोनों विशेषज्ञ के साथ कार्य करते दौरान उन्होंने मैडीकल कार्य योजना की बहुत-सी जानकारियों को हासिल करने सहित रोगियों से विनम्रता भाव व स्वयं की परेशानी को जाहिर किए बिना रोगियों की सेवा करने की प्रेरणा हासिल की। सरोज कहती हैं कि उनका इस क्षेत्र में आकर सदैव ही एक उद्देश्य रहता है कि अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवा सकूं। मानव सेवा के लिए वह मदर टैरेसा के जीवन से बचपन से प्रभावित हैं। सरोज का प्रयास मदर टैरेसा के नक्शे कदम पर चल कर मानव सेवा करना है।

उत्कृष्ट सेवा पुरस्कार के लिए प्रस्तावित किया जाएगा नाम

वहीं जे.एल.एन.एम.सी. एवं चिकित्सालय चम्बा के एस.एस. डॉक्टर विनोद शर्मा कहते हैं कि इसमें कोई दोराय नहीं कि जवाहर लाल नेहरू मैडीकल कॉलेज एवं चिकित्सालय चम्बा कार्यरत स्टाफ  नर्स सरोज ठाकुर अपने कार्य क्षेत्र में पूर्ण निष्ठा के संग ड्यूटी निर्वाह कर रही हैं, जिसके लिए उनकी जितनी सराहना की जाए वह कम है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा ऐसे उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने वाले स्टाफ  का नाम सरकार, विभागीय निदेशालय व जिला प्रशासन को समय-समय पर प्रस्तावित भी किए जाते हैं, जिसके चलते जल्द ही स्टाफ  नर्स सरोज का नाम भी वक्त आने पर जरूर उत्कृष्ट सेवा पुरस्कार के लिए प्रस्तावित किया जाएगा।

जानिए कौन है सरोज

सरोज ठाकुर चम्बा विधानसभा क्षेत्र के गांव मसरूढ़ की स्थायी निवासी हैं। पिता महरूम टेक सिंह ठाकुर वन विभाग में आर.ओ. पद पर कार्यरत रहे, जिनका देहांत हो चुका है, वहीं माता रत्नी देवी गृहिणी हैं। परिवार में सबसे छोटी सरोज के एक और बहन व 2 भाई हैं। पिता के देहांत के बाद सभी भाई-बहनों को उच्च तालीम हासिल करवाई। सरोज की प्रारंभिक शिक्षा गांव मसरूढ़ में ही पूर्ण हुई। जबकि जमा एक व जमा दो हाई सैकेंडरी की शिक्षा उन्होंने बाल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चम्बा में मैडीकल ग्रुप में पूर्ण की। जिसके पश्चात उन्होंने मैडीकल क्षेत्र में नाॄसग का प्रशिक्षण नाहन जिला सिरमौर में प्राप्त किया। वर्ष 1998 में बतौर नर्स चम्बा चिकित्सालय में कार्यरत सरोज का 21 वर्ष का करीब अनुभव हो चुका है।

ऐसे मिली प्रेरणा

सरोज बताती हैं कि ड्यूटी पर आने पर परिवारिक सभी परेशानियों व गम को जब दूसरे की परेशानी के मुकाबले में तुलना करती हैं तो उन्हें सदैव छोटा पाती हैं। यही कारण है कि वह सदैव ही बिना किसी टैंशन के क्रोध, ईष्र्या की भावनाओं से दूर रहकर रोगियों की दिन-रात सेवा करने में अपने जीवन में सुकून महसूस करती हैं। सरोज बताती हैं कि मेरी शक्ति मेरे पति आई.पी. प्रवक्ता सुरेंद्र मोहन ठाकुर व बेटा-बेटी सहित सास-ससुर हैं जो हर पल हर समय और हर परिस्थिति में मेरे साथ होते हैं।

रोगियों की मुस्कान ही मेरा ईनाम : सरोज

सरोज मानती हैं कि जब रोगी रोग से तड़पता हुआ चिकित्सालय पहुंचता है तो रोगी सहित उनके तमाम तीमारदार परेशान दिखते हैं। किंतु रोगी जब स्वस्थ होकर घर वापस लौटता है तो वह उनके चेहरे की मुस्कान होती है। जिसे देखकर हर्ष महसूस करने सहित इसे ही वह अपना सबसे बड़ा ईनाम मानती हैं। सरोज के अनुसार एक समय था जब मैडीसन वार्ड में 140 महिला व पुरुष रोगियों को वे अपने एक अन्य सहयोगी के साथ उपचार मुहैया करवाया। सरोज बताती हैें कि शायद कोई अलौकिक शक्ति के सहारे ही वह अपनी सेवाओं को जरूरतमंद तक पहुंचाने में सफल हुई हंै अन्यथा यह एक असंभव कार्य के सामान है कि 2 लोग 140 या उससे अधिक  रोगियों को उनकी आवश्यकता अनुसार उपचार एक समय में मुहैया करवा पाएं।

क्या कहती हैं महिलाएं

निर्मिला देवी पत्नी जर्मों निवासी रिखणी का कहना है कि सरोज महिलाओं की समस्याओं को भलि-भांति समझती है। वह जानती है कि रोगियों व उनके परिजनों से किस प्रकार व्यवहार करना है। बीना देवी पत्नी चुनी लाल निवासी गांव मैहलुई कहती हैं कि महिलाओं के व्यवहार कुशल हैं सरोज, वहीं सरोल निवासी भारती पत्नी योगेंद्र कुमार का कहना है कि सरोज रोगियों की जरूरतों को भी समझती है। उन्होंने उनके रोगी के दाखिल होने के दौराना न केवल अपनी ड्यूटी का निर्वाह किया बल्कि आवश्यकता पडऩे पर दवाओं की सहायता भी उन्हें प्रदान की। तुरग गांव निवासी गिलमो पत्नी कर्मचंद का कहना है कि सरोज की  सेवा सेवाभाव से सीखा जाना चाहिए, वहीं अस्पताल आईं कोमल, आंचल, नीता, रीता  गौरी, अर्चना, रानी, सरोज, मधु, कृष्ण, सीमा, भावना व अंजलि का कहना है कि सरोज महिलाओं की समस्याओं को भलि-भांति समझती हैं तथा सही दिशा में मार्ग दर्शन करते हुए उपचार सहायता मुहैया करवाती हैं।

क्या कहते हैं पुरुष

बालू मोहल्ला निवासी सुनील सोहन लाल निवासी मोहल्ला बालू का कहना है कि बहुत से डाक्टर और नर्सों को देखा है पर स्टाफ नर्स सरोज ठाकुर की बात ही अनोखी है। उनका कार्य करने का अनुभव व कार्यप्रणाली भी सबसे भिन्न है। नकरोड निवासी निक्कू राम बताते हैं कि जब वे अपनी पत्नी सीता को दाखिल करवाने चिकित्सालय पहुंचे तो निरक्षता के अभाव के कारण उन्हें किसी भी बात का पूर्ण संज्ञान नहीं था। उनके प्रति के दाखिल होने से लेकर अन्य कई प्रकार की औपचारिकताओं को स्टाफ  नर्स सरोज ठाकुर ने ही पूर्ण करवाकर उनकी सहायता की। बरौर निवासी गोरख राम पुत्र प्रह्लाद का कहना है कि सरोज वाकयी ही इस सेवाभाव के क्षेत्र में एकदम सही बैठती है। गैहरा निवासी अमर चंद पुत्र बैंसो गांव गैहरा निवासी का कहना है कि सरोज केवल एक नर्स ही नहीं बल्कि रोगी के साथ एक परिजन के रूप में भूमिका निर्वाह करती हैं। मैहला के  पंकज कुमार पुत्र प्रेम कहते हैं कि सरोज एक अच्छी मार्गदर्शक है जोकि रोगी व उनके तीमारदारों को हमेशा सही मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।

Vijay