सारा साल पढ़ाई, फिर कम क्यों आते हैं नंबर जानिए वजह

Friday, Feb 08, 2019 - 11:56 AM (IST)

हमीरपुर (ब्यूरो): साल भर मन लगाकर पढ़ाई करने के बाद जब उसका फल कम मिले तो सोचना ही पड़ेगा कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। परेशानी तब और बढ़ जाती है, जब सवालों के जवाब अपने हिसाब से तो छात्रों ने ठीक दिए, लेकिन अंक फिर भी कम मिले। पिछले 3-4 वर्षों से सैंट्रल बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) के बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षार्थियों के साथ कुछ ऐसा ही होता आ रहा है। सी.बी.एस.ई. प्रबंधन ने भी इसे गंभीरता से लिया और जब पिछले शैक्षणिक सत्रों की 12वीं बोर्ड परीक्षा का सर्वे के माध्यम से आकलन किया तो पाया कि विद्यार्थी सवालों का जवाब तो जानते हैं, लेकिन 40 फीसदी विद्यार्थी जल्दबाजी में शॉर्टकट में जवाब लिख देते हैं, जिसका खमियाजा उन्हें इवैल्यूएशन में भुगतना पड़ रहा है। इसी के चलते स्टैप वाइज मार्किंग पर असर पड़ता है, क्योंकि जितने अंकों की अपेक्षा की जाती है, उतने अंक नहीं मिल पाते।

अधिकतर साइंस व कॉमर्स संकाय के बच्चों में समस्या 

ऐसी समस्या अधिकतर साइंस व कॉमर्स संकाय के बच्चों में पाई गई है, जिनका अधिकतर समय इंजीनियरिंग व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में बीत जाता है और वे बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी को उतना ध्यान नहीं दे पाते।

इन गलतियों से रहें दूर

इसके अलावा परीक्षार्थियों की जिन गलतियों से अंक कटते हैं, उनसे भी आगाह करते हुए उन्हें ऐसी गलतियां न दोहराने की सलाह दी है। बोर्ड की मानें तो फार्मूला व यूनिट मिलाकर उत्तर देने पर 1 अंक मिलता है, मगर विद्यार्थी बिना फार्मूला व यूनिट लिखे जवाब दे देते हैं, जिससे उनका 1 अंक कट जाता है।

बोर्ड के स्टूडैंट्स को सुझाव

सर्वे में आए इस सच के बाद बोर्ड ने परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों को सुझाव भी दिया है कि परीक्षा के दौरान आंसर शीट पर शॉर्टकट या एक शब्द में जवाब लिखने की बजाय पूरे शब्दों में उत्तर दें।

 

Ekta