कांग्रेस अध्यक्ष का BJP पर वार, बोले-जनमंच में शिकायतकर्ता से लेकर शिकायत तक सब फिक्स

Monday, Mar 04, 2019 - 08:36 PM (IST)

चम्बा (अमृत पाल): जनमंच कार्यक्रम सही मायने में राजनीतिक प्रचार-प्रसार तक सीमित है क्योंकि इस कार्यक्रम के आयोजन से पूर्व पहले ही यह तय कर लिया जाता है कि सिर्फ उन्हीं विषयों को उठाया जाए, जिनका समाधान हो सकता है। यही नहीं, इस कार्यक्रम में कौन बोलेगा, उसका भी पहले ही निर्णय कर लिया जाता है, ऐसे में यह कार्यक्रम सही मायने में फिक्सिंग मंच बन कर रह गया है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष नीरज नैय्यर ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह बात कही।

करीयां में आयोजित जनमंच सही मायनों में झंड मंच

उन्होंने कहा कि आम आदमी को जनमंच कार्यक्रम में बोलने की इजाजत नहीं दी जाती है तो साथ ही लोगों का यह कह कर लौटा दिया जाता है कि इस कार्यक्रम में सिर्फ 8 पंचायतों से संबंधित जनसमस्याओं को ही सुना जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे साफ पता चलता है कि भाजपा की करनी व कथनी में कितना अंतर है। उन्होंने कहा कि करीयां में जो जनमंच आयोजित हुआ, सही मायने में वह झंड मंच था क्योंकि पहले तो लोग आए नहीं और जो मट्ठी भर लोग आए भी थे उन्हें सवाल पूछने का अधिकार ही नहीं दिया गया जिसके चलते यह कार्यक्रम लोगों की झंड करने तक सीमित रहा।

कांग्रेस ने कभी भी नहीं की फिक्सिंग जैसी व्यवस्था

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में प्रशासन जनता के द्वार कार्यक्रम आयोजित होता था, जिसमें सभी क्षेत्रों के लोग आकर अपनी समस्याओं को अधिकारियों के समक्ष रखते थे। कांग्रेस ने कभी भी फिक्सिंग जैसी व्यवस्था करके लोगों को बोलने से नहीं रोका। उन्होंने कहा कि जहां पर जनता को बोलने का मौका ही न दिया जाए, वह कार्यक्रम कैसे जनमंच हो सकता है।

जनमंच में जनता के खून-पसीने की कमाई हो रही खर्च

उन्होंने कहा कि जनमंच कार्यक्रम के माध्यम से जनता के खून-पसीने की कमाई जरूर खर्च हो रही है। प्रत्येक जनमंच कार्यक्रम के आयोजन पर 2 लाख रुपए खर्च होते हैं, ऐसे में जब लोगों की बात नहीं सुननी है और उनके काम नहीं करने हैं तो फिर जनता की खून पसीने की कमाई इस तरह क्यों खर्च की जा रही है। इस मौके पर पूर्व कांग्रेस विधायक सुरेंद्र भारद्वाज, पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष लक्ष्मीधर शर्मा, युकां अध्यक्ष कपिल भूषण, जगदीश हांडा, अब्दुल गनी, परमेश पुरी व विजय कुमार मौजूद रहे।

Vijay