शराब के शौकीनों को लूटने का लाइसैंस ठेकेदारों को बेचने जा रही सरकार

Tuesday, Mar 21, 2017 - 11:21 AM (IST)

चंबा: हिमाचल में 1 अप्रैल से बिकने वाली शराब की किसी भी बोतल पर एम.आर.पी. यानी न्यूनतम मूल्य नहीं लिखा होगा। ऐसे में नए वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग का शराब का ठेकेदार मनमर्जी के मुताबिक शराब का मूल्य निर्धारित कर सकता है। इस कार्य को अंजाम देने में विभाग ठेकेदार की मदद करने के लिए बिना मूल्य निर्धारित शराब की बोतल मुहैया करवाएगा। सीधे शब्दों में कहा जाए तो अधिक राजस्व जुटाने के चक्कर में सरकार व विभाग शराब के शौकीनों को लूटने का लाइसैंस ठेकेदारों को बेचने जा रहे हैं।


पंजाब की तर्ज पर बंद होने वाले ठेकों की आय को यूनिट में शामिल न करे सरकार
ठेकेदारों की मानें तो वे तब तक इस बोली प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे जब तक सरकार अपनी इस नई नीति में बदलाव नहीं करती है। ठेकेदारों का कहना है कि चालू वित्तीय वर्ष में विभाग के ठेकेदारों को समय पर शराब की आपूर्ति मुहैया करवाने में असफल रहने के चलते पहले ही प्रदेश के ठेकेदार वर्ग की कमर टूटी हुई है तो रही-सही कसर नई आबकारी नीति पूरी कर रही है। ठेकेदारों का कहना है कि सरकार पंजाब की तर्ज पर बंद होने वाले ठेकों की आय को यूनिट में शामिल न करे। 


नए वित्तीय वर्ष से शराब पर 15 प्रतिशत सैस लगाने जा रही केंद्र सरकार
चंबा में खुले ठेकों से चालू वित्तीय वर्ष में विभाग ने कुल 39 करोड़ रुपए की कमाई की है जबकि अबकी बार वह इन्हीं ठेकों को यूनिट का नाम देकर 74,66,09,800 रुपए में बेचने जा रहा है। ठेकेदारों का कहना है कि इसके अलावा केंद्र सरकार नए वित्तीय वर्ष से शराब पर 15 प्रतिशत सैस लगाने जा रही है। यह तमाम परिस्थितियां प्रदेश के शराब बिक्री के ठेकेदारों को सरकार व विभाग की इस नई नीति से दूर रखने के लिए मजबूर कर रही हैं। ठेकेदारों का कहना है कि अगर सरकार ने अपनी इस नीति में बदलाव न करते हुए पंजाब के फार्मूले को नहीं अपनाया तो उसे अपनी शराब की यूनिट बेचने में सफलता हासिल नहीं होगी।