अग्रिहोत्री ने जड़ा आरोप, बोले-स्वां परियोजना में भाजपा ने ही लगाया अड़ंगा

Thursday, Aug 02, 2018 - 08:42 PM (IST)

शिमला: स्वां चैनेलाइजेशन का काम केंद्र ने राज्य भाजपा के दबाव में रोका था। प्रदेश भाजपा के नेतृत्व में एक राजनीतिक साजिश के तहत इसमें रुकावटें पैदा की गईं। कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्रिहोत्री ने यहां जारी बयान में उक्त आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि स्वां चैनेलाइजेशन को 922 करोड़ रु पए की स्वीकृति जुलाई, 2013 में प्राप्त हो गई थी और भारत सरकार की तकनीकी सलाहकार समिति की अनुमति के बाद दिसम्बर, 2013 तक वित्तीय स्वीकृति भी प्राप्त हो गई थी तथा यह प्रोजैक्ट बहुत ही सुचारू रूप से चल रहा था।

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से जुड़े आला नेता ने ठप्प करवाया प्रोजैक्ट
उन्होंने कहा कि मार्च, 2015 तक इस पर 446 करोड़ रु पए खर्चा किया चुका था लेकिन भाजपा के हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से जुड़े आला नेता ने दिल्ली दरबार में अपनी राजनीतिक पहुंच का फायदा उठाकर प्रोजैक्ट ठप्प करवा दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के इतिहास में पहली दफा हुआ कि पूरी तरह स्वीकृत परियोजना का श्रेय लेने की होड़ में कार्य बंद करवा दिया जबकि 55 में से 22 खड्डें चयनित हो चुकी थीं तथा उनमें मुख्य रूप से स्वां नदी का भी पूरी तरह चैनेलाइजेशन कर दिया गया था। यह प्रोजैक्ट मार्च, 2017 में पूर्ण हो जाना था।

कांग्रेस शासन में मिली थी प्रोजैक्ट की स्वीकृति
उन्होंने कहा कि भाजपा की राजनीतिक अड़चनों के चलते ही प्रोजैक्ट में अडंग़ा डाला गया और यह सुनिश्चित किया गया कि जब तक विधानसभा के चुनाव नहीं हो जाते तब तक इसकी बाकी की फंडिंग रोक दी जाए क्योंकि इस प्रोजैक्ट की स्वीकृति न केवल कांग्रेस शासन में हुई बल्कि यह प्रोजैक्ट बड़ी गति के साथ आगे बढ़ रहा था। उन्होंने कहा कि यह प्रोजैक्ट ऊना जिला की लाइफ  लाइन है। इससे जो जमीनें रिक्लेम हुई हैं, उन पर खेती का काम बड़े पैमाने पर कामयाब हुआ है। यह देखते हुए कि कहीं इसका काम समयबद्ध पूर्ण हो न जाए और यह भाजपा के लिए नुक्सानदायक न हो, इसलिए भाजपा नेता ने यह साजिश रची अन्यथा अब तक यह प्रोजैक्ट मुकम्मल हो चुका होता।

महत्वाकांक्षा की राजनीति को दिया गया अंजाम
उन्होंने कहा कि अब भाजपा की मौजूदा सरकार ने यह दावा किया है कि इसकी शेष राशि जारी करने के लिए केंद्र सरकार सहमत हो गई है और मार्च, 2020 तक इसे पूरा कर दिया जाएगा लेकिन इसकी लेटलतीफी के लिए पूर्णत: भाजपा सरकार जिम्मेदार रही है। उन्होंने कहा कि सारा प्रदेश जानता है कि इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप से महत्वाकांक्षा की राजनीति को अंजाम दिया गया और प्रोजैक्ट में रोड़े अटकाए गए। उन्होंने कहा कि इसी तरह छौंछ खड्ड के लिए भी 180 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी। इसमें भी 22 करोड़ रुपए आसपास खर्च हो चुके थे लेकिन इसको भी अधर में रोक दिया गया।

सैद्धांतिक मंजूरी की बात आ रही सामने
उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि इस प्रोजैक्ट के लिए 550 करोड़ रुपए राज्य कोष में आ गए हैं जबकि अभी तक इसकी सैद्धांतिक मंजूरी की बात सामने आ रही है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में किस्तों में यह पैसा प्रदेश को मिले। उन्होंने कहा यह प्रोजैक्ट न केवल ऊना जिला के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है।

Vijay