शहरों के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की जिंदगी खतरे में

Wednesday, Nov 07, 2018 - 01:40 PM (IST)

तीसा (सुभानदीन): शहरों के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग जिंदगी को खतरे में डालकर मकान का सपना पूरा करने की कोशिश में लगे हैं। जरा सी जगह मिलने के बाद आस-पास की जगह को भी मकान निर्माण में शामिल कर रहे हैं। लोग खतरे में जान डालकर बिजली खंभों व तारों से खिलवाड़ करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। हैरानी की बात है कि लोगों के साथ-साथ बिजली बोर्ड भी इस स्थिति को नजर अंदाज कर रहा है, ऐसे में यह स्थिति कभी भी किसी अप्रिय घटना को अंजाम दे सकती है। 

विद्युत लाइनों से दूरी के विद्युत अधिनियम के तहत मापदंड निर्धारित किए हुए हैं। बावजूद इसके मकानों के निर्माण किए जा रहे हैं। कई स्थानों पर मकान के आस-पास खंभे की तारों पर प्लास्टिक की पाइप बीच में से चीरकर तार पर चढ़ा देते हैं और करंट के खतरे से अपने को दूर मान लेते हैं लेकिन उनका यह जुगाड़ उनकी या फिर उनके अपनों के लिए कभी भी बड़ी भूल साबित हो सकता है। तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार एच.टी. लाइनों की तारों में मैग्नेटिक फील बनता है और पाइप होने के बाद भी करंट लग सकता है। इसके साथ ही पाइप बीच में से कटा होने के कारण बरसात में पानी व पाइप के संपर्क में होने के कारण मकान में करंट आने की भी आशंका रहती है।

2 से 3 मीटर से कम दूरी खतरे की घंटी
विद्युत अधिनियम के अनुसार भवन निर्माण करते समय मकान से गुजर रही विद्युत लाइन से कम से कम 2 से 3 मीटर की दूरी रखना अनिवार्य है। इससे कम दूरी घातक हो सकती है। विद्युत बोर्ड की ओर से ऐसे उपभोक्ताओं को नोटिस जारी किए जाते हैं और प्रशासन को भी अवगत करवाया जाता है लेकिन इस खतरे को दूर करने के लिए कोई उपाय नहीं किए जा रहे। विद्युत लाइनों से सटाकर बनाए गए मकान उनमें रह रहे लोगों के लिए घातक हैं।  

एच.टी. लाइन पर स्टे के लिए लगाई तारें काटकर बनाए जा रहे मकान
एच.टी. लाइन के खंभों को सहारा देने के लिए खम्भों के साथ 4 से 5 स्टे लगाई जाती हैं लेकिन लोग अतिक्रमण कर मकान बनाने के लिए इन स्टे की तारों को काट रहे हैं। इससे खंभों की पकड़ काफी कमजोर होती जा रही है। जो भविष्य में कभी भी हादसे में तबदील हो सकती है। चम्बा-तीसा मार्ग पर ऐसे कई खंभे एच.टी. लाइन के दिखाई देते हैं जो बिना स्टे के होते हैं और साथ में रिहायशी मकान बने होते हैं।

Ekta