बच्चे को जन्म देने के बाद महिला की मौत, अस्पताल में परिजनों का हंगामा

Friday, Jul 07, 2017 - 08:08 PM (IST)

ऊना: पिछले लगभग 2 माह के भीतर ही क्षेत्रीय अस्पताल में एक बार फिर से तीसरे मरीज की मौत पर मामला गर्म हो गया। नवजात बेटे को जन्म देकर एम्बुलैंस में पी.जी.आई. जाते हुए नंगल में महिला की मौत हो गई, जिसके बाद उसके परिजनों ने अस्पताल के बाहर एम्बुलैंस में पड़े शव के साथ अस्पताल प्रशासन तथा महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सक को जमकर कोसा और कार्रवाई की मांग की। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल सुरक्षा व्यवस्था के लिए मौके पर जुट गया और काफी संख्या में मरीज और तीमारदार भी मौके पर जमा हो गए। मामले की सूचना मिलते ही ए.एस.पी. मदन लाल कौशल भी अस्पताल पहुंचे, जहां मृतका के रिश्तेदारों ने उन्हें अपनी व्यथा सुनाते हुए कार्रवाई की मांग की। 



महिला की थी पहली डिलीवरी
दिल्ली एयरपोर्ट पर बतौर सुरक्षा कर्मी कार्यरत अकरोट निवासी गुलशन कुमार की पत्नी सोनिका (24) पहली प्रसूति के लिए अपने मायके पंडोगा आई हुई थी। शुक्रवार को उसको प्रसूति के लिए सुबह अस्पताल लाया गया, जहां उसका आप्रेशन किया गया और उसने एक बेटे को जन्म दिया। बाद में महिला की तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद उसे पी.जी.आई. चंडीगढ़ रैफर कर दिया गया लेकिन नंगल में जब परिजनों ने उसे प्राइवेट चिकित्सक के पास चैक करवाया तो उसने महिला को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद वे एम्बुलैंस में महिला के शव को लेकर सीधे क्षेत्रीय अस्पताल पहुंच और रोष प्रदर्शन करते हुए अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान खड़े किए। 

चिकित्सक ने नहीं दिया सही उपचार
मृतका के चाचा नाथराम और जोगी ने आरोप लगाया कि उनकी भतीजी दर्द से कराहती रही लेकिन न तो चिकित्सक ने उसे सही उपचार दिया और न ही स्टाफ ने उसकी सही तरह से देखभाल की। मृतका के परिजनों का आरोप था कि सोनिका की बिगड़ती हुई तबीयत के बारे में स्टाफ और चिकित्सक को कई बार बताया गया लेकिन न तो सही तरह से व्यवहार किया गया और न ही सही उपचार दिया गया बल्कि कई घंटे बीत जाने के बाद उसे अचानक पी.जी.आई. रैफर कर दिया, जिसके कुछ क्षण बाद ही उसकी मौत हो गई जबकि उसका नवजात शिशु बिल्कुल स्वस्थ है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोताही बरतने पर चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि उक्त चिकित्सक के मरीज पहले भी इसी तरह से दम तोड़ते रहे हैं।

इलाज में नहीं बरती गई कोताही
इस बारे में संबंधित चिकित्सक का कहना था कि इलाज में कोई कोताही नहीं बरती गई है। तबीयत खराब होने पर सोनिका को उपचार दिया गया था और तबीयत अधिक बिगडऩे पर उसे पी.जी.आई. रैफर किया गया था। वहीं सी.एम.ओ. डा. प्रकाश दड़ोच का कहना है कि मामले के संबंध में जांच के निर्देश दिए गए हैं और यदि कोई कोताही बरती पाई गई तो उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वहीं ए.एस.पी. का कहना है कि पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और परिजनों से मामले की जानकारी ली जा रही है।