शिमला के स्कैंडल प्वाइंट नाम के पीछे ये है सारी कहानी

Sunday, Nov 12, 2017 - 07:17 PM (IST)

शिमला: उस समय शिमला के मालरोड में भारतीयों के आने पर प्रतिबंध होने के बाद भी पटियाला के महाराजा भूपिंद्र सिंह लार्ड कर्जन की बेटी आइरिन को उठाकर ले गए थे, उस समय उनकी उम्र मात्र चौदह साल होगी। इस घटना के बाद रिज मैदान की उस जगह का नाम स्कैंडल प्वाइंट पड़ गया था। हुआ यूं था कि राजा स्कैंडल प्वाइंट पर अपने घोड़े पर बैठकर आए और वहां पर शाम के वक्त घूम रही आइरिन को घोड़े पर उठाकर ले गए। हालांकि अंग्रेज उनका पीछा करते रहे। लेकिन हवा से बातें करता भूपिंद्र सिंह का घोड़ा उनकी पकड़ से काफी दूर निकल चुका था। इस प्वाइंट को भारत का पहला लव स्कैंडल भी कहा जाता है। शिमला में इंग्लैंड से घूमने आये हुए पर्यटक जब इस प्वाइंट को देखते हैं तो उन्हें अपनी पराजय दिखती है। हालांकि स्कैंडल प्वाइंट पर अंग्रेज फोटो खिंचवाकर अपने वतन वालों को बतौर यादगार ले जाते हैं। शिमला आने वाले विदेशी व देश के टूरिस्ट इसकी कहानी को जानने में बड़ी रूचि प्रकट करते हैं। 

गर्मियों के दिनों में आया करते थे महाराजा
ब्रिटिश काल में शिमला के मॉलरोड में अंग्रेज़ गवर्नर जनरल की बेटी को उठाने के बाद पटियाला के महाराजा भूपिंद्र सिंह के आने पर प्रतिबंध लग गया था। गर्मियों के दिनों में भूपिंद्र सिंह अकसर शिमला में घूमने आया करते थे। लेकिन इसके बाद महाराजा ने कंडाघाट से कुछ दूरी पर सम्राज्य बसा लिया और गर्मियों में अकसर वहां आना जारी रखा।  महाराजा ने भी अपनी इज़्ज़त और शान के लिए शिमला से भी ऊंचा नगर बसाने की ठान ली और चायल का निर्माण किया, जहां उन्होंने एक महल बनाया जिसे ‘चायल पैलेस’ के नाम से जाना जाता है। 

पहला विश्व युद्ध भी भूपिंद्र सिंह ने लड़ा
महाराजा भूपिंद्र सिंह का जन्म 12 अक्टूबर 1891 में हुआ। महाराजा ने ऑनरेरी लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर फस्र्ट वल्र्ड वॉर में भाग लिया था। लीग ऑफ नेशंज में 1925 में भूपिंद्र सिंह ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। महाराजा क्रिकेट के शौकीन थे, वर्ष1911 में इंग्लैंड दौरे पर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे थे। 46 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। लार्ड कर्जन साल 1905 तक गवर्नर जनरल रहे। देखा जाए तो 1905 में महाराजा की आयु 14 साल की थी। लार्ड कर्जन की बेटी आइरिन की उम्र उस समय सिर्फ 10 साल की रही होगी।