Watch Pics: आखिर क्यों यह रिटायर्ड IAS अफसर रोजाना बीनता है सब्जियां

Tuesday, Sep 12, 2017 - 05:33 PM (IST)

शिमला: शिमला में लोक निर्माण विभाग से रिटायर्ड सुपरिंटेंडेट क्लास वन अधिकारी अशोक कुमार के बारे कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिसे पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे। उन्होंने अपना सारा जीवन गौ सेवा के लिए समर्पित कर दिया है। दरअसल वह पिछले 3 सालों से लोअर बाजार से रोजाना दुकानों के बाहर लगे वेस्ट सब्जी के ढेरों से गायों के खाने योग्य सब्जियां इकट्ठी करते हैं और इन्हें रोजाना शहर के बाहर बनी गौशालाओं तक पहुंचाते हैं। जी हां अशोक कुमार ने अपनी रिटायरमेंट के बाद यह सब शुरू किया। हालांकि वह अपनी सारी पेंशन को भी इसी में खर्च करते हैं। 


रोजाना 35 बोरियों इकट्ठी करते हैं
बताया जाता है कि अशोक शाम के 5 बजे बोरियां उठाकर अपने घर से निकलते हैं और सब्जी मंडी में दुकानदारों की ओर से वेस्ट सब्जियों और फलों को इकट्ठा करके बोरियों में भरते हैं। दरअसल उम्र ज्यादा होने के चलते अब इन्हें बोरियों को पिकअप में चढ़ाने और उस तक पहुंचाने के लिए कुली की मदद लेनी पड़ती है। वह रोजाना सब्जी मंडी से वेस्ट सब्जियों की 35 बोरियों इकट्ठी करते हैं। उनका हर महीने 40 हजार रुपए तक का खर्च आता है।


पहले घरवाले और लोग उड़ाते थे मजाक
उन्होंने बताया कि पिछले 3 साल पहले गायों की सेवा करने के लिए यह काम शुरू किया तो आस पड़ोस, दुकानदारों और सब्जीवालों तक ने उनका मजाक उड़ाया। उनके घरवालों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी। लेकिन वह नहीं माने। दरअसल उनके परिवार वालों को भी गंदे कपड़े और उनसे आने वाली बदबू से परेशानी थी लेकिन 
उन्होंने इसकी परवाह किए बिना इस काम को शुरू किया। अब उनके द्वारा शुरू किए गए काम की सब लोग सराहना करते हैं। 


ऐसे मिली थी प्रेरणा
धर्मकर्म में विश्वास रखने वाले अशोक कुमार मंदिरों के साथ भी जुड़े हैं। उनकी मंदिरों के पुजारियों से जान-पहचान भी है। एक दिन पुजारी ने उन्हें कहा कि गायों को सूखे चारे के साथ हरा चारा भी जरूरी होता है इसलिए उन्हें हरा चारा भी भेजा करो। इसके बाद उन्होंने सब्जी मंडी में सब्जियों को चुनकर गौसदन भेजना शुरू कर दिया। वहीं उनके इस काम को अब दुकानदारों ने आसान कर दिया है। वह अब खुद वेस्ट सब्जियों को कूड़े में न डालकर इन्हें एक कोने में अलग रख देते हैं और जैसे ही अशोक आते हैं वे इसे बोरियों में भर देते हैं।