आखिर कहां गई 11.70 करोड़ की राशि, कसूरवार कौन?

Saturday, Oct 05, 2019 - 01:37 PM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र) : सहकारी कृषि सभा दियोली में करोड़ों रुपए के गबन के मामले में अभी भी कई रहस्य बने हुए हैं। आखिर इतनी बड़ी राशि कहां गायब हुई। लंबी जांच के बाद भी कोई भी एजैंसी इस बात का सुराग अभी तक नहीं लगा पाई है कि आखिर कृषि सहकारी सभा का 11.70 करोड़ रुपए आखिर कहां गया है। यदि गबन हुआ है तो उसका जिम्मेदार कौन है। आखिर यह राशि कैसे और कहां गायब हुई है।
मामला गंभीर होने के बावजूद तमाम एजैंसियां अभी तक इस रहस्य का पता नहीं लगा पाई हैं। सहायक पंजीयक कार्यालय ऊना की तरफ से कृषि सहकारी सभा दियोली में गबन के मामले को लेकर जांच तो बैठाई है लेकिन यह जांच कब पूरी होगी और अभी तक की जांच में क्या तथ्य सामने आए हैं इसका खुलासा नहीं हो पाया है।

सहकारी सभा में गबन के मामले को लेकर पुलिस में भी एफ.आई.आर. हुई है। एफ.आई.आर. के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। पुलिस थाना गगरेट के आई.ओ. जिनके पास यह मामला है वह बीमार बताए जा रहे हैं। अभी तक केस किसी और के पास ट्रांसफर ही नहीं हुआ है। न तो इस मामले में किसी से पूछताछ हुई है और न ही रिकार्ड को कब्जे में लिया गया है। सवाल पुलिस की जांच पर भी है कि आखिर एफ.आई.आर. दर्ज करने के बावजूद इस मामले में इतनी नरमी क्यों बरती जा रही है।

न तो सहायक पंजीयक सहकारी सभा कार्यालय और न ही पुलिस मामले को लेकर संजीदा दिखाई दे रही है। वर्ष 2017-19 के ऑडिट के दौरान दियोली कृषि सहकारी सभा में 11.70 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितताओं की बात सामने आई है। ऑडिट के बाद सहायक पंजीयक कार्यालय ऊना ने इस पर जांच बैठाई है। यह जांच कब पूरी होगी। इसकी समययावधि लेकर भी कोई उल्लेख नहीं हुआ है। सबसे बड़ा सवाल यही बना हुआ है कि आखिर करोड़ों रुपए की यह राशि गई तो कहां? कसूरवार कौन है।

करोड़ों रुपए की वित्तीय अनियमिताओं से जुड़े इस मामले में विभिन्न एजैंसियों की जांच पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्या करोड़ों रुपए का यह गबन एक साल में हुआ? जब सोसायटियों में हर वर्ष ऑडिट होता है तो उसमें ऑडिट करने वाले ऑडिटरों ने क्या दायित्व निभाया। पहले मामला सामने क्यों नहीं आया? कृषि सहकारी सभाओं की कार्यप्रणाली को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। सवाल इनके ऑडिट और अन्य गतिविधियों को लेकर भी हैं। दियोली के मामले से पहले कटौहड़ खुर्द की सहकारी सभा में भी करोड़ों रुपए के गबन का मामला सामने आ चुका है। ग्रामीणों का पैसा इन सहकारी सभाओं में जमा होता है। लोग एक-एक रुपया इकट्ठा कर अपनी जीवन भर की पूंजी सहकारी सभाओं के सुपुर्द करते हैं लेकिन बाद में उनके साथ एक बड़ा धोखा होता है।

अब तक ऊना जिला की कई सहकारी सभाओं में घोटाले सामने आ चुके हैं। जिला ऊना में 10 कृषि सहकारी सभाओं में करोड़ों रुपए के गबन के मामले सामने आ चुके हैं। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक करीब पौने 20 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच चल रही है। यह राशि किस-किसके खाते में गई और कौन-कौन इस घोटाले में संलिप्त था इसकी जांच चली हुई है। हालांकि कुछ राशि को रिकवर किया जा चुका है। जिला की एक और कृषि सहकारी सभा में वित्तीय अनियमितताओं के मामले को लेकर भी विशेष ऑडिट शुरू किया गया है। पिछले करीब 15 दिनों से जारी किए गए विशेष ऑडिट की कोई भी रिपोर्ट विभाग ने सार्वजनिक नहीं की है। विभाग पहले ही कर्मचारियों की कमी का रोना रो रहा है।

जिला ऊना में सहकारी सभा निरीक्षकों के 19 में से 12 पद खाली हैं जबकि ऑडिट इंस्पैक्टर के 28 में से 20 पद खाली हैं। कुल 32 पद खाली हैं। दियोली कृषि सहकारी सभा के प्रधान सुरेन्द्र सिंह का कहना है कि यदि उनकी शिकायतों पर समय रहते कार्रवाई होती तो यह मामला 5 वर्ष पहले उजागर हो गया होता। उनका कहना है कि एक वर्ष में करीब 12 करोड़ रुपए का गबन कैसे हो सकता है। यदि हर वर्ष ऑडिट होता है तो फिर उसमें यह तथ्य सामने क्यों नहीं आए। ऑडिट करने वालों की भी जवाबदेही तय की जानी चाहिए। समय रहते सहकारी सभाओं में हर शिकायत की गंभीरता से जांच हो तो इतने बड़े मामलों से बचा जा सकता है।
 

Edited By

Simpy Khanna