19 माह बाद हुआ खाली हुआ विवादों में रहा TMC का प्रधानाचार्य आवास

Saturday, Sep 29, 2018 - 09:55 PM (IST)

कांगड़ा (किशोर): डा. राजेंद्र प्रसाद मैडीकल कालेज टांडा में लंबे समय से विवादों में रहा प्रधानाचार्य आवास लगभग 19 माह के बाद शनिवार को पूर्व प्रधानाचार्य डा. अनिल चौहान ने खाली कर दिया। प्रधानाचार्य का यह आवास जनवरी 2017 से आज तक उनके पास ही था। डा. चौहान टांडा मैडीकल कालेज में प्रधानाचार्य के पद पर स्थाई रूप से कार्यरत थे किन्तु उनकी पदोन्नति होने के उपरांत वह शिमला चले गए तथा उसके बाद  हमीरपुर मैडीकल कालेज में आज भी प्रधानाचार्य के पद पर विराजमान हैं। यह आवास इसलिए भी विवादों में रहा कि इनके उपरांत डा. रमेश भारती ने प्रधानाचार्य के पदभार संभाला किन्तु उन्हें भी प्रदेश सरकार ने कार्यकारी प्रधानाचार्य बनाया। अभी कुछ माह पूर्व ही उन्हें भी पदोन्नति देकर शिमला स्वास्थ्य शिक्षा विभाग में भेजा जिसके तत्पश्चात इन दिनों भी डा. भानु अवस्थी को भी अस्थाई तौर पर कार्यकारी प्रधानाचार्य के पद पर है।

रिकवरी के लिए सरकार से चल रहा है पत्राचार

ऐसा भी बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार ने डा. अनिल चौहान के ऊपर आवास खाली न करने पर लाखों रुपए की रिकवरी भी डाल रखी है। इस संबंध में टांडा मैडीकल कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य डा. अनिल चौहान ने बताया कि यह ठीक है कि प्रदेश सरकार ने उनके नाम रिकवरी डाली है, जिसके लिए उनका पत्राचार सरकार से चल रहा है तथा उसके लिए उन्होंने अपना पक्ष उनके सामने रखा है। सरकार जिस तरह उन्हें आदेश देगी वह उनके आदेशों का पालन करेंगे, किन्तु इस आवास का किराया आज तक प्रतिमाह मेरी तनख्वाह से काटा जाता रहा है, उनके पास यहां पड़े सामान का कोई बंदोबस्त नहीं हो रहा था, अब उनके पास सामान रखने का प्रबंध हो गया है। इसके लिए इसे लेकर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इतने दिनों से मेरा सामान अंदर बंद पड़ा खराब भी हो रहा था। डा. अनिल चौहान ने बताया कि  मेरे पदोन्नति होने के बाद यहां कोई भी स्थाई प्रधानाचार्य नहीं है तथा यह आवास कानून के हिसाब से उसी को दिया जाना चाहिए, जो यहां का स्थाई प्रधानाचार्य होगा। क्योंकि मेरे बाद बने प्रधानाचार्य डा. रमेश भारती भी कार्यकारी प्रधानाचार्य थे तथा अब इस पद पर बैठे डा. भानु अवस्थी भी कार्यकारी प्रधानाचार्य है तथा दोनों इस आवास में रहने के कानून योग्य नहीं है।

Jinesh Kumar