आजादी के 72 साल बाद भी कई गांवों को है इन सुविधाओं का इंतजार

punjabkesari.in Monday, Feb 22, 2021 - 03:27 PM (IST)

कुल्लू (ब्यूरो) : जहां आज इंटरनेट के युग के नाम से जाने वाला भारत देश आज आगे बढ़ रहा है और ऐसे में हर एक व्यक्ति व बच्चे के पास फोन की सुविधा तो है, लेकिन यहां विकास की बात करें तो कई ऐसे दर्जन गांव है जहां पर आज भी सड़क सुविधा से वंचित है। ऐसे में कई हजारों की संख्या में युवा बेरोजगार रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। यदि सरकार गांव गांव को सड़क सुविधा से जोड़ती है तो युवाओं के लिए गांव में ही रोजगार उपलब्ध होगा और उन्हें इस प्रकार से दूसरे राज्यों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा। जिला कुल्लू के लग घाटी में ऐसे दर्जनों गांव है जो कि सड़क सुविधा के अभाव में आज भी विकास के लिए रो रहा है। माना जाता है कि सड़क एक ऐसी रीड की हड्डी है जिसे विकास का मसीहा माना जाता है जब गांव गांव में सड़क सुविधा होगी तो युवाओं को भी अपने गांव में ही उन्हें रोजगार उपलब्ध होगा। तो वहीं वे अपने व अपने परिवार का पालन पोषण अच्छी तरह से कर सकते हैं। ऐसे में देश भी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। 

स्थानीय युवा नरोत्तम ने बताया कि यह हैरानी की बात है आज इस इंटरनेट के युग में हर घर में है, हर जेब में फोन है और हर घर में गाड़ियां हैं। और इसके बावजूद भी खासकर लग घाटी के दर्जनों गांव में सड़क सुविधा से महरूम है। उन्होंने कहा कि भल्याणी, खोपरी, मथला, तीउन और ऐसे अनेकों गांव है। जहां की सड़क सुविधा नहीं है। उन्होंने कहा कि जहां के पढ़े लिखे लोग युवा भी है, फिर भी वे सड़क की सुविधा से मेहरूम है, उन्होंने कहा कि सड़क ही देश की तरक्की का एक मूल साधन है। जैसे हमारे शरीर की शिराएं और धमनियां का संचार करती है ऐसे ही सड़कों के माध्यम से ही शुरु होता है। उन्होंने कहा कि यहां घाटी के लोगों के पास संपत्ति की कोई कमी नहीं होती है। लोगों के पास के बगीचे हैं पलम के बगीचे हैं और यहां लोग सब्जियां भी उगाते हैं लेकिन सड़क तक पहुंचाने में इनका कैरेज ही इतना हो जाता है कि सड़क तक पहुंचाने में लोगों को भारी सुविधा रहती है। जिसके कारण इलाका आज पिछड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहते हैं कि ऐसे भी कितने गांव हैं जो कि सड़कों से अछूते हैं। उन्हें सड़कों से जोड़ देना चाहिए ताकि जिस प्रकार से रोजगार दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और युवाओं की जनसंख्या बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि 25 साल से कम उम्र के युवा 50 प्रतिशत के करीब है। जिसमें कि 70 करोड जनसंख्या नौजवानों की है। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी इतनी युवाओं को नहीं मिलेगी और प्राइवेट सेक्टर में भी इतना काम नहीं है। जिसमें कि 3 से 5 प्रतिशत ही काम कर सकते है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक रोजगार कृषि में ही है। उन्होंने कहा कि इसीलिए युवा आज गांव से शहर की ओर पलायन कर रहा है। गांव में सुविधा ना होने के कारण वहां पर ना तो शिक्षा ना ही अस्पताल और ना ही आने-जाने की सुविधा है।
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इसलिए गांव से युवाओं का पलायन शहर की ओर हो रहा है। लोगों के पास घरों में 50 50 बीघा जमीन है और शहर में जाकर 5 हजार से थ्री व्हीलर चला कर नौकरी कर रहे हैं। सरकार को इस विषय में सोचना चाहिए। युवाओं का पलायन शहर की ओर ना हो। उन्होंने कहा कि देश तरक्की तभी करेगा तभी आगे बढ़ेगा। जब नौजवानों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में रोजगार बहुत अधिक है अगर यहां पर सड़क सुविधा होगी सब्जी का इतना उत्पादन होगा हर घर से लोग साल में 5लाख आसानी से कमा सकते हैं। और एक अच्छा खासा जीवन गावं में व्यतीत हो सकता है। उन्होंने कहा कि यदि गांव में सड़क पानी स्वास्थ्य की सुविधा मिलेगी देश तरक्की की ओर ही जाएगा और नौजवानों को रोजगार भी प्राप्त होगा। 

वहीं स्थानीय युवा इंद्र ने बताया कि दुख की बात है कि आज 72 साल देश को आजाद हुए हुए है। जिला कुल्लू के गांव जो कि सड़क सुविधा से महरूम है। उन्होंने कहा कि यहां के लोग पूरी पूरी तरह से त्रस्त है। बीमारी के कारण कम से कम 3 से 4 किलोमीटर कुर्सी पर उठाकर ले जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जो बात राशन, घर बनाने की सामग्री को भी पीठ पर ही उठाकर लाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कई सरकारें आई और आकर भी चली गई। सरकार लगघाटी को अनदेखा कर रही है। सरकार यहां के चुने हुए नुमाइंदे हैं वे जिला कुल्लू के जितने भी गांव हैं उन्हें सड़क सुविधा से जल्दी से जल्दी जोड़ा जाए। ताकि यहां के बाशिंदों को यहां के लोगों को इस सड़क सुविधा से जोड़ा जाए। मूलभूत सुविधा ना होने के कारण यहां के युवा बेरोजगार हैं और यहां के युवाओं को दूसरे जिले को पलायन करना पड़ रहा है या फिर शहरों की तरफ जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यदि यहां पर मूलभूत सुविधा मिल जाएगी तो यहां के रोजगार के लिए युवाओं को चार चांद लग जाएंगें।
 


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Content Writer

prashant sharma

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