आजादी के 71 साल बाद भी सड़क को तरसे रहे तलासी के वासी

Friday, Oct 26, 2018 - 03:26 PM (IST)

हमीरपुर : आजादी के 71 साल के बाद भी अपने गांव की मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे तलासी गांव के लोगों ने वीरवार को जिलाधीश से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। इसमें उन्होंने उनकी समस्याओं का समाधान न होने पर लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। गांववासियों ने बताया कि उनका गांव आज तक सड़क सुविधा से वंचित है, जिसके अभाव में वे पिछड़ा जीवन जीने के लिए मजबूर हैं। लोगोंं ने बताया कि पूरा गांव हर तरफ से जंगल व खड्ड से घिरा हुआ है, जिस कारण आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके साथ गांव में आज भी पालकी प्रथा बनी हुई है, जिसके चलते यदि गांव में कोई बीमार पड़ जाता है तो उसे पालकी के सहारे जंगल व खड्ड का रास्ता पार कर अस्पताल ले जाना पड़ता है।

वहीं स्कूल जाने में भी बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही बरसात के समय तो पूरा गांव 2 महीने के लिए बाहर की दुनिया से बेखबर हो जाता है। जिस समय में लोगों को पहले से ही राशन-पानी इकट्ठा कर अपना गुजारा करना पड़ता है। इस स्थिति में जीवन-यापन कर रहे गांववासियों ने गांव की स्थिति को सुधारने की मांग की है और ऐसा न होने की स्थिति में चुनावों का बहिष्कार करने के लिए भी चेताया है।

स्कूल में नहीं आते शिक्षक
तलासी गांव की ऐसी व्यथा के कारण गांव के बच्चों को सही से शिक्षा भी प्राप्त नहीं मिल पा रही है। गांव में प्राथमिक स्कूल तो है जिसमें गांव के 32 के करीब बच्चे पढ़ाई भी करते हैं, लेकिन इन बच्चों की शिक्षा के लिए मात्र 1 शिक्षक सेवाएं दे रहा है। वहीं अधिकतर शिक्षक तलासी गांव का नाम सुनते ही यहां पढ़ाने से भी मना कर देते हैं, जिसके अभाव में बच्चों की शिक्षा के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है।

राजनेताओं ने दिए हैं झूठे आश्वासन
लोगों ने राजनेताओं पर झूठे आश्वासन देने का आरोप लगाते हुए बताया कि चुनावों में मंत्री, सांसद आदि गांव आकर गांववासियों से सड़क सुविधा का  वायदा कर वोट मांग कर चले जाते हैं और सत्ता में आने के बाद उस वायदे को भूल जाते हैं। वहीं गांववासियों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने 2 सितम्बर को हुए जनमंच के कार्यक्रम में भी अपनी समस्या को सभी के सामने रखा था और वहां से भी कार्रवाई करने का आश्वासन मिला था, लेकिन आज तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। 
 

kirti