2 मौतों के बाद टूटी नींद, अब शिकारी देवी-कमरूनाग में होगा यह इंतजाम

Tuesday, Jan 17, 2017 - 01:50 PM (IST)

चैलचौक (मंडी): बर्फबारी के शुरू होते ही युवाओं के लिए जान पर खेलकर ट्रैकिंग करने का शौक भारी पड़ रहा है। मंडी जिला की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित शिकारी माता मंदिर पर गए एन.आई.टी. हमीरपुर के 2 छात्रों की मौत के बाद भी क्षेत्र के युवा सबक लेने को तैयार नहीं हैं। शनिवार को करीब 5 फुट की बर्फ में 6 युवक जान को जोखिम में डाल कर कमरुनाग मंदिर में ट्रैकिंग के लिए पहुंच गए। शिकारी और कमरुनाग मंदिर में बर्फबारी में हर साल कोई न कोई इस तरह फंसता है। हादसों से सबक लेते हुए दोनों मंदिरों को जाने वाले सभी रास्तों पर प्रशासन अब चेतावनी बोर्ड लगाने जा रहा है।


मंदिर जाने वाले सभी रास्तों पर लगेंगे चेतावनी बोर्ड 
उल्लेखनीय है कि पिछले साल सरकाघाट क्षेत्र के करीब दर्जनभर श्रद्धालु शिकारी माता मंदिर में फंस गए थे, जिन्हें प्रशासन ने स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षित निकाला था, वहीं करसोग क्षेत्र की एक महिला भी करीब 10 दिन तक मंदिर में रही थी। मंदिर कमेटी और प्रशासन ने हालांकि बर्फबारी से पहले ही दोनों मंदिरों के कपाट बंद कर दिए हैं मगर युवा ट्रैकिंग के शौक में जान को हथेली पर रखकर दोनों मंदिरों में दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। एक सप्ताह में घटित हुई 2 घटनाओं के बाद अब प्रशासन ने दोनों मंदिरों को जाने वाले सभी रास्तों पर चेतावनी बोर्ड लगाने का निर्णय लिया है ताकि मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को रोका जा सके।