Online Danger Game से बच्चों को बचाने के लिए स्कूलों को एडवाइजरी जारी

Friday, Jan 04, 2019 - 10:59 AM (IST)

धर्मशाला (नवीन): बच्चों को ऑनलाइन डेंजर गेम (मोमो चैलेंज) से कैसे बचाया जा सके, इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जिला कांगड़ा के स्कूलों को एडवाइजरी जारी कर दी गई है। एडवाइजरी में स्कूलों में होनी वाली एस.एम.सी. व पी.टी.ए. बैठक में अभिभावकों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं। बच्चों की गतिविधियों पर भी नजर रखने को कहा गया है। उच्च शिक्षा विभाग कांगड़ा की ओर से जिला के समस्त प्राइवेट, सीनियर सैकेंडरी, हाई स्कूलों के प्रिंसीपल व हैडमास्टर को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 

एडवाइजरी में सलाह दी गई है कि बच्चों में व्यवहार में आ रहे बदलाव पर चैक रखें और बच्चों की हरकतें यदि असामान्य लगें तो तुरंत काऊंसलर से संपर्क करें। अभिभावकों को अपने बच्चों की ऑनलाइन और सोशल मीडिया पर की जा रही गतिविधियों पर भी चैक रखने को कहा गया है। गौरतलब है कि नैशनल कमीशन फॉर प्रोटैक्टशन ऑफ चाइल्ड राइटस की ओर से मोमो चैलेंज गेम को लेकर जागरूकता फैलाने बारे राष्ट्रीय स्तर पर निर्देश जारी किए गए हैं।

2 दिन में जानकारी दें स्कूल

उच्च शिक्षा विभाग कांगड़ा की ओर से समस्त निजी शैक्षणिक संस्थानों (वरिष्ठ माध्यमिक एवं उच्च विद्यालय) के मुखियाओं को आदेश दिए गए हैं कि अपनी शैक्षणिक संस्था से संबंधित समस्त सूचना निर्धारित प्रपत्र भर कर उपनिदेशक उच्चतर शिक्षा कांगड़ा स्थित धर्मशाला में उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। उपनिदेशक के.के. शर्मा ने बताया कि इस सूचना में विद्यालय में अध्ययनरत छात्र संख्या एवं स्थापना प्रपत्र (एस्टैब्लिशमैंट रिटर्न) निर्धारित प्रपत्र में भर कर 2 दिन के भीतर उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। सूचना उपलब्ध न करवाने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

क्या है मोमो चैलेंज

ऑनलाइन मोमो एक वायरल चैलेंज है जो बच्चों को एक अनजान कांट्रैक्ट को अपने फोन में जोडऩे के लिए प्रेरित करता है। सोशल मीडिया के जरिए यह कांट्रैक्ट बच्चों को हिंसक तस्वीरें और डेयर भेजता है। यदि कोई चैलेंज पूरा नहीं करे तो मोमो धमकी देती है और सजा देने की बात कहती है जिस कारण बच्चे मोमो की बात मानने लगते हैं। यहां तक कि अंतिम लेवल में सुसाइड तक का चैलेंज दिया जा रहा है।

Ekta