डल झील रिसाव रोकने को हिमकोस्ट एक्सपर्ट की भी राय लेगा प्रशासन

Monday, Dec 06, 2021 - 01:15 PM (IST)

धर्मशाला (तनुज) : धार्मिक आस्था और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मैक्लोडगंज के नड्डी स्थित डल झील के रिसाव को रोकने के लिए जिला प्रशासन हिमाचल प्रदेश काउंसिल ऑफ साइंस, टैक्रोलॉजी एंड एनवायरमेंट (हिमकोस्ट) एजेंसी से भी सहयोग लेगी। प्रदेश की इस एजेंसी के एक्सपर्ट को झील का दौरा कर वैज्ञानिक तौर पर इसके मरम्मत कार्य को करने को लेकर पत्र लिखा है। हिमकोस्ट एजेंसी के अलावा जिला प्रशासन द्वारा आई.आई.टी. मंडी और रूड़की से भी संपर्क किया गया है। रूड़की से संपर्क करने पर जल्द ही एक्सपर्ट धर्मशाला भेजने का आश्वासन संस्था की ओर से दिया गया है। गौरतलब है कि मिनी मणिमहेश के नाम से प्रसिद्ध नड्डी की डल झील में रिसाव की समस्या पिछले कुछ वर्षां से लगातार आ रही है। झील में सौंदर्यीकरण के कार्यां को आरंभ करने के बाद से यह समस्या शुरू हुई थी। ऐसे में सर्दियों के मौसम में झील लगभग सूख ही जाती है। इस बार भी झील में रिसाव के चलते सैंकड़ों मछलियां मर गई थी तथा जिंदा बची हुई मछलियों को अन्य स्थानों पर शिफ्ट किया गया। स्थानीय लोगों में भी प्रशासन के खिलाफ रोष पनपने शुरू हो गया है। 

स्थानीय लोगों का भी कहना है कि अवैज्ञानिक ढंग से शुरू किए गए सौंदर्यीकरण कार्य के चलते ही रिसाव शुरू हुआ था। ऐसे में अब प्रशासन ने भी डल झील के रिसाव की इस समस्या को रोकने के लिए विशेषज्ञों की राय लेने को लेकर विभिन्न संस्थाओं से संपर्क किया जा रहा है। उधर, डी.सी. कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि डल झील के रिसाव को रोकने तथा सौंदर्यीकरण कार्य को अब एक्सपर्ट की देखरेख में किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार की हिमकोस्ट एजेंसी से भी विशेषज्ञ धर्मशाला झील का मुआयना करने और रिपोर्ट तैयार करने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। साथ ही आई.आई.टी. रूड़की तथा मंडी के विशेषज्ञों से भी संपर्क किया गया है तथा जल्द ही एक्सपर्ट धर्मशाला भेजने के लिए संस्थान प्रबंधन ने कहा है। उन्होंने कहा कि झील की समस्या के निजात को वैज्ञानिक ढंग से दूर किया जाएगा। वहीं, झील तथा इसके आसपास होने वाले कार्यां को भी विशेषज्ञों की देखरेख में किया जाएगा।
 

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prashant sharma