प्रशासन की अनदेखी का शिकार सुंदरनगर अस्पताल, तीमारदार खुले आसमान में सोने को मजबूर

Sunday, Oct 14, 2018 - 02:56 PM (IST)

सुंदरनगर (नितेश): हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के सुंदरनगर का नागरिक चिक्तिसालय जहां प्रतिदिन 600 से अधिक मरीजों की ओपीडी होती है लेकिन यहां पर दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्रों से भी मरीज इलाज करवाने आते हैं। लेकिन मरीजों के साथ आए हुए तमिरदारों को अस्पताल की गैलरी, वार्ड के फर्श और अस्पताल कैंपस में खुले आसमान के नीचे ठंड में रात गुजारते हुए आम देखा जा सकता है। वहीं गरीबों व नागरिक चिक्तिसालय में मरीजों के साथ आने वाले परिजनों को रात में आराम करने की सुविधा मुहैया करवाने के लिए 3 मई 2005 को तत्कालीन (वीरभद्र) सरकार द्वारा ललित चौक पर अस्पताल के समीप नगर परिषद सुंदरनगर के रैन बसेरा भवन का उद्घाटन किया गया। कुछ समय तक कार्य करने के बाद लोगों की सुविधा को अनदेखा कर सुंदरनगर रैन बसेरा विभिन्न सरकारी विभागों को जरूरत के अनुसार किराए पर दे दिया गया। 


मरीज अस्पताल के फर्स पर सोने को मजबूर हो गए और कई वर्ष वित्त जाने के बाद भी आज तक रैन बसेरा शुरू नहीं हो सका। 15 जुलाई 2014 से 31 जुलाई 2017 तक रैन बसेरा को पुलिस विभाग के पास बतौर अस्थाई सुंदरनगर पुलिस स्टेशन दे दिया गया। लेकिन इन 3 वर्षों में पुलिस विभाग नगर परिषद सुंदरनगर को किराए का भुगतान करना ही भूल गया। हैरानी की बात यह भी है कि उपरोक्त समय अवधि के दौरान पुलिस विभाग ने रैन बसेरा में लगी बिजली व पानी के बिलों का भुगतान भी नहीं किया, जिसका भुगतान भी नगर परिषद द्वारा खुद किया गया है। इसके उपरांत रैन बसेरा निर्वाचन विभाग के हवाले कर दिया गया और अभी कुछ समय पहले ही रैन बसेरा नगर परिषद को वापिस मिला है। 


रैन बसेरा भवन का इस प्रकार विभिन्न विभागों को किराए पर देने से इसकी हालत दयनीय हो गई है। वर्तमान में इसका भवन रहने लायक नहीं बचा है। कई जगह बिजली की तारें गायब हैं तो कई जगह दरवाजे व खिड़कियां टूटी हुई हैं। स्थानीय लोगों व मरीजों के परिजनों ने प्रशासन, नगर परिषद सुंदरनगर व प्रदेश सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द रैन बसेरा का नवीकरण कर सुविधा प्रदान की जाए। अब देखना होगा कि क्या मरीजों के परिजनों को रैन बसेरा में रहने की सुविधा मिलेगी भी यह उन्हें अस्पताल के फर्स पर ही सर्द रातें गुजारनी होगी। पूर्व पाषर्द पंडित अरुण आर्य ने बताया की 2005 में कांग्रेस सरकार ने रैन बसेरा का उद्घाटन किया जिसे नगर परिषद द्वारा चलाया जा रहा था। 


यह रैन बसेरा मरीजों के साथ आए परिजनों के लिए बनाया गया था ताकि लोगों को सस्ते दाम पर रहने के लिए रैन बसेरा उपलब्ध हो सके। लेकिन बीच में इसे बंद कर दिया गया और पुलिस विभाग को थाना चलाने के लिए ठेके पर दे दिया गया। जिसकी वजह से इसकी हालत खस्ता हो चुकी है। अरुण आर्य ने बताया कि जब सत्ता में कांग्रेस की सरकार थी तो इसे सुचारू रूप से चलाया जा रहा था। उन्होंने सरकार और प्रशासन से आग्रह किया है कि रैन बसेरा को जल्द से जल्द सुचारू रूप से चलाया जाए ताकि मरीजों के साथ आए हुए परिजनों को यहां पर रहने का कम दाम पर ठिकाना मिल सके। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और स्थानीय विधायक राकेश जम्वाल को इस तरफ ध्यान देना चाहिए ताकि दूरदराज से आए मरीजों के परिजनों को असुविधा का सामना ना करना पड़े। उन्होंने मांग की है कि रैन बसेरा को जल्द से जल्द फिर शुरू किया जाए ताकि नगर परिषद के साथ लोगों को फायदा मिल सके। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक शर्मा ने बताया कि रैन बसेरा नगर परिषद के पास वापिस आ गया है और इसका नवीकरण का कार्य प्रगति पर है। इसका संचालन नगर परिषद द्वारा ही किया जाएगा। जल्द ही अपनी पुरानी तर्ज पर रैन बसेरा कार्य करना शुरू कर देगा। ताकि मरीजों के तमिरदारों को 10 और 20 रुपए में यहाँंरहने की सुविधा मिल सके।

Ekta