कर्फ्यू को लेकर प्रशासन सजग, लोग अपना रहे गैर-जिम्मेदाराना रवैया

Wednesday, Mar 25, 2020 - 11:23 PM (IST)

इंदौरा (अजीज): सरकार व प्रशासन जहां कर्फ्यू लगाकर कोविड-19 की चेन तोड़ने का भरसक प्रयास कर रही है वहीं पुलिस भी इस कर्फ्यू के सार्थक परिणामों के लिए दिन-रात ड्यूटी दे रही है। बावजूद इसके कुछ लोग अपने प्रति गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपनाए हुए हैं और थोड़े से मुनाफे के लिए अपने व लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने से गुरेज नहीं कर रहे।

कर्फ्यू के दौरान देर शाम को भी खुलीं सब्जी व दवाई की दुकानें

जहां प्रशासन द्वारा सुबह 8 बजे से 11 बजे तक आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को खोलने की जनता की सुविधा के लिए छूट दे रहा है। वहीं पुलिस भी इसे सुनिश्चित बनाने के लिए गश्त पर है लेकिन पुलिस द्वारा बाजारों में तो दुकानों को उक्त समयानुसार बंद करवा दिया गया। बावजूद इसके कुछ दुकानदार पुलिस के जाने के बाद सरेआम दुकानें खोल रहे हैं, ऐसे में उन दुकानों पर सामान लेने आने वाले लोग न केवल नाकों पर ड्यूटी कर रहे पुलिस के लिए समस्या का कारण बन रहे हैं बल्कि अपनी व अन्य लोगों के जीवन के प्रति भी गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपना रहे हैं। वहीं ग्राऊंड रिपोर्ट में कुछ गांवों में देर शाम को भी आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुली पाई गईं।

बेरोकटोक आ-जा रहे लोग खतरे की घंटी

रोपड़ से कुछ कश्मीरी लोग हिमाचल से होते हुए पैदल पठानकोट की तरफ  जाते हुए पाए गए, ऐसे में यह कहना गलत न होगा कि प्रशासन व पुलिस तो अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन कर रही है लेकिन जनता ही इस बारे में सजग नहीं है और इस वायरस को सहजता से ले रही है। जनता को स्वयं कर्फ्यू का पालन कर कोरोना वायरस की चेन को तोडऩे की दरकार है। उधर, मुकेरियां में काम कर रहे शाहपुर के रजनीश, दीपक, रवि, निर्मल सिंह ने बताया कि कफ्र्यू के कारण मालिकों ने दुकानों पर तालाबंदी कर दी है व उन्हें घर जाने के लिए कहा है, जिस पर वे शाहपुर जा रहे हैं लेकिन इस तरह से समूह के रूप में अन्य राज्यों से आ रहे लोगों का यहां से आवागमन खतरे की घंटी हो सकता है। इस पर पुलिस व प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।

Vijay