आदि हिमानी चामुंडा मंदिर की छत पर होगी तिहरी परत की सुरक्षा

Saturday, Nov 07, 2020 - 10:46 AM (IST)

पालमपुर (भृगु): श्री आदि हिमानी चामुंडा मंदिर की छत को लेकर पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं। लगभग 10000 फुट की ऊंचाई पर निर्मित किए जा रहे मंदिर भवन में हिमपात की दृष्टि से चाक चौबंद व्यवस्था की जा रही है। यहां तक की पानी की बूंद छत से होकर अंदर तक न रिस पाए इसके लिए लकड़ी, एलुमिनियम तथा स्लेट का उपयोग किया जा रहा है। ये तिहरी परत मंदिर परिसर की छत पर रहेगी। लोहे के भारी-भरकम गार्डर का उपयोग छत में किया जा रहा है। पहले यह छत कंक्रीट की बनाए जाने की प्रस्तावनरा थी परंतु भारी हिमपात के दृष्टिगत अब छत में गार्डर का उपयोग किया जा रहा है। इसके लिए डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया गया है। एंगल के ऊपर वुडन जॉइंट डाले जाएंगे जिसके साथ ही वुडन राफ्टर की व्यवस्था भी रहेगी, जिसके ऊपर 25 मिली मीटर मोटी देवदार की लकड़ी के तख्ते डाले जाएगें। इन लकड़ के तख्तों के ऊपर एलमुनियम शीट का उपयोग किया जाएगा। जिसके ऊपर स्लेट डाले जाएंगे। यानी कि छत हिमपात को भी सह सकेगी तथा पानी का रिसाव भी नहीं हो पाएगा। मंदिर में बड़े स्तर पर लकड़ी का उपयोग किया गया है। मंदिर का निर्माण रिवालसर से लाए गए विशेष पत्थर का उपयोग कर किया गया है। जिसके साथ ही देवदार की लकड़ी का भी उपयोग किया गया है।

मंदिर परिसर लगभग 6 माह की अवधि तक पूरी तरह से बर्फ  से ढका रहता है ऐसे में हिमपात से मंदिर सुरक्षित रहे इसके लिए सारी व्यवस्था की जा रही है। उधर के सिविल वर्क की नींव को सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था की जा रही है तथा यह कार्य अपने अंतिम चरण में है। वहीं छत के कार्य के लिए आयरन के गार्डर को मंदिर परिसर तक पहुंचाने का कार्य आरंभ कर दिया गया है। भारी-भरकम गार्डर को मजदूर पीठ पर ढो कर ले जा रहे हैं। चूंकि ठंड के साथ ही मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं ऐसे में माना जा रहा है कि छत पर लोहे का कार्य अब मार्च-अप्रैल में मंदिर के कपाट खुलने के बाद ही हो पाएगा। विदित रहे कि श्री आदि हिमानी चामुंडा मंदिर भवन का निर्माण का काष्ठकुणी शैली में किया जा रहा है तथा इसमें हिमपात के दृष्टिगत कुछ विशेष प्रबंध किए गए हैं।

 

 

Jinesh Kumar