मौसम विभाग की 660 जिलों में पहुंच बनाने की कवायद, बादल फटने से पहले ही जारी होगा अलर्ट

Tuesday, Oct 16, 2018 - 10:21 AM (IST)

शिमला (जय): देश के आखिरी किसान तक मौसम संबंधित जानकारी पहुंचाने के लिए अब मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा देश के प्रत्येक जिला में एग्रोमैट एडवाइजरी सिस्टम स्थापित किए जाएंगे। देश में पहले ही 130 जिलो में ये सिस्टम स्थापित किए गए हैं, जिसके बाद अब यह सिस्टम 660 जिलों में स्थापित किए जाएंगे। सोमवार को ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के तहत राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए डा. आनंद शर्मा डी.जी. आई.एम.डी., ने कहा कि देश में मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा दिए जाने वाले पूर्वानुमान से किसान-बागवानों को हजारों करोड़ रुपए का लाभ होता है।

उन्होंने कहा कि किसानों को समय रहते मौसम संबंधित जानकारी मिल जाने के कारण वे अपने खेतों में उगाई जाने वाली फसल का समयपूर्वक रखरखाव कर लेते हैं। उन्होंने बताया कि मौसम से संबंधित सूचनाओं को देश के आखिरी व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए केंद्र द्वारा दिन-रात प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर केंद्र द्वारा एग्रोमैट यूनिट लगाने के लिए कार्य शुरू हो चुका है जबकि इनको ब्लॉक स्तर पर पहुंचाने के लिए भी योजना तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि मार्च, अप्रैल व मई माह में तेजी के साथ मौसम बदलता है, ऐसे में 1-2 घंटों के भीतर मौसम में भारी बदलाव आते हैं और इतने कम समय में मौसम संबंधित जानकारी उपलब्ध करवाना चुनौतिपूर्ण रहता है लेकिन विभाग ने यहां भी सफलता हासिल की है। 

कार्यशाला के दौरान कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों सहित प्रदेशभर के विभिन्न जिलों के किसान-बागवान व डा. मनमोहन सिंह निदेशक मौसम विज्ञान केंद्र शिमला एवं अन्य गण्यमान्य लोग भी उपस्थित थे। प्रदेश में जहां पहले से 4 जिलों में एग्रोमैट यूनिट स्थापित किए गए हैं, वहीं पर अब जिला चम्बा, बिलासपुर, मंडी के सुंदरनगर व सिरमौर में ये यूनिट स्थापित किए जाएंगे, जिससे इन जिलों में अब अलग से विभाग द्वारा मौसम संबंधित सूचना से लोगों को अपडेट करवाया जाएगा। डा. आनंद ने कहा कि सभी विभागों द्वारा मिलकर अब एक मॉडल तैयार किया जाएगा, जिससे किसानों को समय पर जानकारी उपलब्ध हो और वे इस जानकारी का समय पूर्वक लाभ उठा सकें।

हिमाचल में 9 लाख लोगों तक विभाग की पहुंच
जहां देश में करोड़ों व्यक्तिओं को आज मौसम की जानकारी आसानी के साथ उपलब्ध हो रही है, वहीं पर हिमाचल में 9 लाख लोगों को ही मौसम संबंधित जानकारी उपलब्ध हो रही है। डा. आनंद ने बताया कि सबसे ज्यादा आज मोबाइल के माध्यम से लोगों को तक सीधे मौसम संबंधित जानकारी और छोटे-छोटे मैसेज में फसलों के रखरखाव संबंधित जानकारी किसान एवं बागवानों तक पहुंचाई जाती है। उन्होंने कहा कि भविष्य में और अधिक लोगों को मौसम विज्ञान केंद्र के साथ जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।

Ekta