आधार कार्ड बनाने से IT शिक्षकों ने किया किनारा, जानिए क्यों

Wednesday, Feb 21, 2018 - 11:25 AM (IST)

शिमला: स्कूलों में आधार कार्ड बनाने का कार्य शिक्षकों के लिए सिरदर्द बन गया है। आई.टी. शिक्षक अब इससे किनारा करने लगे हैं। उनका कहना है कि स्कूलों में आधार कार्ड बनाने के कार्य से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। बच्चों सहित उनके अभिभावक भी यहां कार्ड बनाने व इसे अपडेट करने पहुंच रहे हैं। शिक्षक इस दौरान स्कूलों में कक्षाएं भी ले रहे हैं और साथ ही उनके कार्ड भी बना रहे हैं। इसके अलावा यहां अन्य गैर-शिक्षण कार्य डाक बनाना व ऑनलाइन कार्य सहित दूसरे प्रोजैक्ट्स के कार्य भी कर रहे हैं। 


ऐसे में वह इस कार्य को करने के लिए विभाग से अलग से एक शिक्षकों की ड्यूटी लगाने की मांग कर रहे हैं जो स्कूलों में बच्चों के आधार कार्ड बनाएं। गौर हो कि विभाग ने आधार बनाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है। उन्होंने कार्ड बनाने के लिए इन शिक्षकों को विशेष ट्रेनिंग दी थी। प्रदेश कम्प्यूटर शिक्षक संगठन ने विभाग से मांग की है कि स्कूलों के स्थान पर इन केंद्रों को पंचायतों में खोला जाए। इसके लिए एक शिक्षक की तैनाती की जाए जो पंचायतों में बच्चों के कार्ड बनाए। 


एक स्कूल में बन रहे 10 स्कूलों के बच्चों के आधार कार्ड 
इन दिनों एक स्कूल में आसपास के 10 स्कूलों के बच्चों के आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। बच्चों के अलावा स्थानीय लोगों के आधार कार्ड भी इन स्कूलों में बन रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों का काम और बढ़ गया है। विभाग ने बीते शुक्रवार से प्रदेश के 100 स्कूलों में आधार कार्ड बनाने की योजना की शुरूआत की थी। इस दौरान विभाग ने जिस स्कूल को मशीनें सौंपी हैं, उसके आसपास के 10 स्कूलों के बच्चे वहां आधार कार्ड बना सक ते हैं। 


विभाग ने स्कूलों को दीं 95 किटें, 5 रखीं रिजर्व
विभाग ने बिलासपुर जिला को 4 आधार किटें, चम्बा को 8, हमीरपुर को 5, कांगड़ा जिला को 15, कुल्लू को 7, मंडी को 13, शिमला जिला को 16, सिरमौर जिला को 12, सोलन जिला को 8, ऊना जिला को 6 और लाहौल-स्पीति को 1 आधार किट दी है। इस दौरान विभाग ने किन्नौर जिला को किट नहीं दी है। विभाग ने इस दौरान 5 किटें रिजर्व रखी हैं जिन्हें बाद में जिलों को दिया जाएगा।