एक वक्त नशे का आदि था ये शख्स, अब सबकुछ छोड़ जानी अपनी अंदर की प्रतिभा

Wednesday, May 29, 2019 - 02:24 PM (IST)

कुल्लू (मनमिंदर): देश ही नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश में भी हजारों युवा दिन-प्रतिदिन नशे की चपेट में जा रहे हैं। सरकार द्वारा युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। बात करें अगर प्रदेश के कुल्लू जिले की जिसमें क्षेत्रीय अस्पताल द्वारा नशा निवारण केंद्र स्थापित किया गया है। जहां से नशे की गिरफ्त से निकले युवकों में प्रतिभा की कमी नहीं है। इसी कड़ी में नशे की गिरफ्त से निकले युवाओं द्वारा विभिन्न प्रकार की कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई गई ताकि इसकी चपेट में आए युवा उनसे सीख लेकर बच सकें। जिला अस्पताल के सेमीनार हाल में युवाओं द्वारा पेंटिंग और वुड वर्क प्रदर्शनी लगाई गई जिनका सभी लोगों ने प्रोत्साहन किया और युवाओं के काम को सराहा। 

नशा निवारण केंद्र से निकले युवक अजय का कहना है कि गलत संगत की वजह से वो नशे के जाल में फस गया था, लेकिन जिला अस्पताल कुल्लू के नशा निवारण केंद्र में आकर डॉक्टर की सलाह के बाद अब वो नशे के चंगुल से निकल चुका है। वह अपने अंदर छुपी हुई प्रतिभा को पहचान सका और अब मुख्यधारा में आकर एक अच्छा जीवन जी रहा है। अजय ने बताया कि परिवार और जिला अस्पताल के डॉक्टर ने उन्हें मुख्यधारा में वापिस लाने में बहुत योगदान दिया पेंटिंग करने का शौक पहले से ही था लेकिन नशे के चक्कर में पड़ने की वजह से से वो सब भूल चूका था लेकिन अब फिरसे पेंटिंग कर के काफी अच्छा लग रहा है। साथ ही युवाओं से भी उन्होंने यह अपील की वो नशे से दूर रहे और इस तरह के रास्ते पर न आए।

जिला अस्पताल के नशा निवारण केंद्र के चिकित्सक डॉक्टर सत्यव्रत वैद्य ने बताया कि पुनर्वास स्वरोजगार कार्यक्रम के अंतर्गत अस्पताल से निकले युवाओं को वापिस मुख्यधारा में वापिस लाने के लोए कार्यक्रम चलाया जा रहा है। ये युवक काम कर सके और अपना जीवन यापन कर सके और इस तरह का यह पहला कार्यक्रम है। हालांकि जिला अस्पताल में ही इन्होंने पहले ही यह काम शुरू कर दिया था और इनको घर पर जाकर भी इसे लगातार जारी रखने की सलाह दी। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सक अधिकारी सुशिल चंद्र का भी कार्यक्रम को सुचारु रखने में अहम योगदान है। अस्पताल में अभी तक 1200 में से 70 % युवा मुख्यधारा में वापिस आ चुके है।

 

Ekta