एक ऐसा देव स्थल जिसकी मिट्टी करती है औषधि का काम

Sunday, Jul 22, 2018 - 09:59 PM (IST)

कुल्लू: देवी-देवताओं की भूमि कुल्लू घाटी में ऐसे कई देव स्थल भी हैं जहां देव स्थल की मिट्टी भी औषधि का काम करती है। देव स्थल में जाकर अगर कोई व्यक्ति श्रद्धापूर्वक देव स्थल की मिट्टी अपने शरीर में लगाता है तो उसके रोग कुछ समय के बाद दूर हो जाते हैं। वैसे तो देवभूमि कुल्लू में ऐसे कई देव स्थल हैं जहां की मिट्टी औषधि का काम करती है लेकिन जिला के सैंज घाटी स्थित शांघड़ से सटे ऊंची चोटी पर सदियों से विराजमान जोगणी माता थिणी का देव स्थल का अपना विशेष महत्व है। यहांं दूर-दूर से जहां लोग अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए आते हैं, वहीं कई चर्म रोग व अन्य रोग से ग्रस्त व्यक्ति माता की शरण में पहुंचते हैं। माता के चमत्कार से अगर कोई व्यक्ति श्रद्धापूर्वक शरीर पर मिट्टी लगाता है तो उस व्यक्ति के रोग दूर हो जाते हैं।


पक्षियों को नहीं लगती शिकारी की गोली
खास बात यह है कि माता थिणी अपने देव स्थल के इर्द-गिर्द किसी प्रकार का शोर-शराबा पसंद नहीं करती हैं। मान्यता है कि माता देव स्थल के समीप पक्षियों की सदियों से रक्षा करती आई हैं। दैवीय चमत्कार के चलते देव स्थल के इर्द-गिर्द पक्षियोंं पर बंदूक चलाने पर गोली नहीं लगती है या फिर बंदूक में तकनीकी खराबी आ जाती है, जिससे शिकारी पक्षियोंं का बाल भी बांका नहीं कर सकते हैं। पक्षियों के लिए सुरक्षित स्थान होने के कारण यहां मोनाल व करड़ी आदि पक्षी भारी संख्या में देखे जा सकते हैं। इन दिनों थिणी माता के दर्शन के लिए सैंकड़ों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। पेड़ों में सजे हरे-भरे जंगल और पक्षी मोनाल और करड़ी खाकश को देखने के लिए श्रद्धालुओं का मन मोह लेता है।


शक्तियां अर्जित करने आते हैं दर्जनों देवी-देवता
सैंज घाटी के देवलू चमन राणा ने बताया कि माता थिणी के दर्शन करने से मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसके साथ अगर किसी व्यक्ति को चर्म रोग व अन्य रोग से परेशान रहता है तो यहां की मिट्टी शरीर पर लगाने से रोग दूर हो जाते हैं। इस देव स्थल घाटी के दर्जनों देवी-देवता भी शक्तियां अर्जित करने आते हैं।


ऐसे जा सकते हैं थिणी
जिला के सैंज घाटी स्थित शांघड़ से माता थिणी के दर्शन करने के लिए 2 घंटे का रास्ता है। वहीं सैंज दियोहरी से 7 घंटे का रास्ता है। इसके अलावा सुचैहण से भी देव स्थल थिणी जा सकते हैं।

Vijay