एशिया के इस एकलौते मोनाल प्रजनन केंद्र से आई एक अच्छी खबर

Tuesday, Jun 08, 2021 - 11:41 AM (IST)

कुल्लू : हिमालय की ऊंची बर्फीली चोटियों पर पाए जाने वाले और विलुप्त हो रही मोनाल प्रजाति के संरक्षण के लिहाज से एक अच्छी खबर सामने आई है। मनाली स्थित वाइल्ड लाइफ विभाग के नेहरू फिजंटरी एवं मोनाल प्रजनन केंद्र में पहली बार एकसाथ तीन मोनाल का प्रजनन हुआ है। मोनाल के तीनों बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हैं। मोनाल के 20 दिन के तीनों बच्चे मां के साथ पिंजरे में अठखेलियां करते हुए देखे जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि मनाली के प्रजनन केंद्र में दूसरी बाद मोनाल का प्रजनन हुआ है। 

हालांकि, पिछले दो वर्षों में प्रजनन न होने से वन्य जीव विभाग की चिंता बढ़ गई थी। अरण्यपाल अजीत ठाकुर ने बताया कि मनाली के नेचर पार्क के साथ नेहरू फिजंटरी एवं मोनाल प्रजनन केंद्र में पहली बार तीन मोनाल हुए हैं। एशिया में पहली बार मोनाल का प्रजनन किया गया है। दो मोनाल यहां नैनीताल चिड़ियाघर भेजे गए हैं। डीएफओ कुल्लू राकेश कुमार ने कहा कि वनकर्मी मान सिंह ने आखिरकार मोनाल का प्राकृतिक तौर पर प्रजनन करवाने में सफल हुए हैं। हर वर्ष हजारों सैलानी नेहरू फिजंटरी में मोनाल को देखने के लिए आते हैं। 

मनाली में 1984 में नेहरू फिजंटरी स्थापित होने से लेकर प्राकृतिक तौर पर मोनाल का प्रजनन का कार्य शुरू किया गया है, लेकिन किन्हीं कारणों से प्रजनन सफल नहीं हो सका। 13 वर्ष पूर्व सरकार ने लाखों रुपये खर्च कर प्रजनन केंद्र को नेचर पार्क में अलग से बनाया गया। यहां गत वर्ष से मोनाल नर और मोनाल मादा की दो जोड़ी रखी गई। इसमें एक जोड़े ने तीन अंडे दिए तथा मई महीने में प्राकृतिक तौर पर तीन मोनाल के बच्चों ने जन्म लिया। यह एशिया में एकमात्र मोनाल प्रजनन केंद्र हैं और पहली बार 2018 को मोनाल का सफल प्रजनन हुआ था। वन कर्मी मान सिंह ने बताया वह पिछले 13 वर्षों से प्राकृतिक तौर पर प्रजनन करवा रहे हैं। फिजंटरी में 14 नर मोनाल और दो मादा मोनाल हैं, जो शिकारियों की बंदूक से घायल थे। किसी तरह लोगों ने पहुंचाया और उनका उपचार कर यहां रखा गया है। बताया कि मोनाल की प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है। मोनाल 2400 मीटर से 4500 मीटर पर पाया जाता है। 
 

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prashant sharma