साधुपुल में पतंजलि योगपीठ के नाम हुई 93 बीघा भूमि

Wednesday, Mar 13, 2019 - 09:19 AM (IST)

सोलन (पाल): मंगलवार को कंडाघाट के साधुपुल में 93 बीघा भूमि पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के नाम हो गई। कंडाघाट तहसील कार्यालय में मंगलवार को लीज एक्जीक्यूशन की प्रक्रिया को पूरा किया गया। ट्रस्ट की ओर से आचार्य बालकृष्ण और जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार कंडाघाट द्वारा लीज पर हस्ताक्षर किए गए। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब इंतकाल और पोजैशन की प्रक्रिया रह गई है जो जल्द ही पूरी हो जाएगी। लीज एक्जीक्यूशन होने के बाद आचार्य बालकृष्ण स्थानीय प्रशासन के साथ साधुपुल में इस भूमि का निरीक्षण करने पहुंचे। लीज की प्रक्रिया पूरी होते ही 6 वर्ष बाद फिर से पतंजलि योगपीठ के नाम पर यह जमीन हो गई है। योगपीठ ने करीब 2.21 करोड़ रुपए की लीज मनी दिसम्बर माह में जमा कर दी थी। 

सरकार ने योगपीठ को राहत देते हुए 93 बीघा भूमि को एक मुश्त 2.38 करोड़ रुपए लीज पर दी थी। इसमें 17, 32,214 रुपए वर्ष 2010 में जमा की गई लीज मनी के लैस हो गए हैं। योगपीठ के स्थापित होने से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। विदित रहे कि 14 जनवरी, 2010 को तत्कालीन भाजपा सरकार ने पतंजली योगपीठ को 95 वर्ष के लिए एक रुपए की टोकन मनी पर 93 बीघा भूमि लीज पर दी थी। उस समय योगपीठ ने अस्टांम ड्यूटी व पंजीकरण फीस के 17,31,214 रुपए जमा किए थे। 27 फरवरी, 2013 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने योगपीठ को साधुपुल में दी गई भूमि की लीज रद्द कर दी और नए लीज रूल बना दिए। योगपीठ हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा रद्द की गई लीज के खिलाफ अपील की थी।

2017 में लिया केस वापस

सूत्रों का कहना है कि योगपीठ ने वर्ष 2017 में कांग्रेस सरकार के समय में ही हाईकोर्ट से अपना केस वापस ले लिया था और मार्कीट वैल्यू के आधार पर लीज करने को तैयार हो गई थी। बताया जा रहा है कि इसको लेकर दोनों पक्षों में समझौता हो गया था। योगपीठ ने इसके लिए करीब 83 लाख रुपए भी जमा कर दिए थे लेकिन लीज एक्जीक्यूट करने के लिए वार्षिक 1.20 करोड़ रुपए की लीज मनी जमा करने को कहा गया तबसे यह मामला लटका हुआ था।

Ekta