आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाई, E-Way Bill न भरने पर 78 व्यापारियों को लाखों का जुर्माना

Sunday, Jul 08, 2018 - 09:31 PM (IST)

सोलन: वस्तु एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) के लागू होने के एक वर्ष पूरा होने पर आबकारी एवं कराधान विभाग की दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र की टीम ने टैक्स चोरी का एक बड़ा मामला पकड़ा है। ई-वे बिल न भरने या अधूरा ई-वे बिल भरने पर 78 व्यापारियों पर 70 लाख रुपए का जुर्माना किया है। सबसे बड़ी बात यह है कि जुर्माना राशि को साथ ही वसूल भी कर लिया है। जांच में पाया गया कि अधिकांश मामलों में व्यापारियों द्वारा ई-वे बिल का बी भाग नहीं भरा था जिसके कारण ई-वे बिल पूरी तरह से अमान्य है। ई-वे बिल के बी भाग में ही गाड़ी का नम्बर भरा जाता है। यदि गाड़ी का नम्बर भरा ही न जाए तो एक ही ई-वे बिल पर कई गाडिय़ों में सामान ढोया जा सकता है। प्रदेश में व्यापारी इस प्रकार से टैक्स चोरी कर रहे हैं।  इसके अतिरिक्त जांच में कुछ ऐेसे भी मामले सामने आए हैं, जिनमें व्यापारियों ने ई-वे बिल पूरी तरह भरा ही नहीं था। कुछ भरे गए ई-वे बिल पर गाड़ी का और नम्बर भरा हुआ था। जबकि मौके पर सामान अन्य किसी गाड़ी में ढोया जा रहा था।


एक अप्रैल, 2018 से अनिवार्य किया ई-वे बिल भरना  
राज्य वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 के अंतर्गत प्रदेश राज्यकर एवं आबकारी विभाग ने एक अप्रैल, 2018 से 50,000 रुपए से अधिक मूल्य की वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने व ले जाने के लिए ई-वे बिल भरना अनिवार्य किया है। यह उन वस्तुओं पर आवश्यक है जिन पर जी.एस.टी. लगता है। जी.एस.टी. से मुक्त वस्तुओं पर ई-बिल भरना अनिवार्य नहीं है। पहले ई-वे बिल एक राज्य से दूसरे राज्य में माल के आवागमन पर भरना अनिवार्य था किन्तु 3 जून, 2018 से प्रदेश के भीतर भी 50 हजार मूल्य से अधिक  सामान के लाने व ले जाने के लिए ई-वे बिल भरना अनिवार्य है। 


प्रदेश में अभी तक करीब 9500 ई-वे बिलों की हुई छानबीन
टैक्स चारी के इस मामले को पकडऩे के लिए दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र ने सहायक राज्यकर एवं आबकारी अधिकारी शशिकांत शर्मा, दीपचंद शर्मा, रुपिन्द्र सिंह, मनोज सचदेवा एवं ध्यान सिंह के नेतृत्व में 5 टीमों का गठन किया गया है। पकड़े गए मामलों का निपटारा सहायक आयुक्त डा. अमित शोष्टा एवं तुलसी राणा द्वारा किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में अभी तक करीब 9500 ई-वे बिलों की छानबीन की गई है जिसमें से 4600 ई-वे बिल अकेले दक्षिण प्रवर्तन ने ही जांचे हैं।


विभाग ने की पूरे टैक्स की वसूली
राज्य कर एवं आबकारी दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र के संयुक्त आयुक्त डा. सुनील कुमार ने बताया कि ई-वे बिल न भरने या अधूरा भरने पर करीब 78 व्यापारियों को 70 लाख रुपए का जुर्माना किया गया है। जी.एस.टी. के तहत 50 हजार मूल्य की वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने व ले जाने के लिए ई-वे बिल भरना अनिवार्य है। विभाग ने इस पूरे टैक्स की वसूली कर कर ली है। जांच में यह बात सामने आई है कि अधिकांश व्यापारी अब ई-वे बिल भरकर ही वस्तुओं को अन्य स्थानों पर भेज रहे हैं।

Vijay