JCC Meeting : अनुबंध से नियमित हो चुके 70 हजार कर्मचारियों को लगा बड़ा झटका
punjabkesari.in Saturday, Nov 27, 2021 - 10:16 PM (IST)
डेट ऑफ अप्वाइंटमैंट से सीनियोरिटी देने की मांग नहीं हुई पूरी
शिमला (देवेंद्र हेटा): हिमाचल के विभिन्न विभागों, बोर्ड व निगमों में अनुबंध से नियमित हो चुके हजारों कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। जेसीसी की बैठक में डेट ऑफ अप्वाइंटमैंट से इन्हें सीनियोरिटी देने की मांग पूरी नहीं हो पाई है। कॉन्ट्रैक्ट की नौकरी सेवाकाल में न जोड़ने से जूनियर कर्मचारी पदोन्नति लेकर अपने सीनियर का बॉस बन रहा है। इससे कर्मचारियों के मान-सम्मान को ठेस पहुंच रही ही जबकि सभी अनुबंध कर्मचारी कमीशन पास करके नौकरी ले रहे हैं। इसलिए कर्मचारियों में जायज मांग के पूरा न होने से रोष व्याप्त है।
2008 में अधिसूचित की गई थी अनुबंध पॉलिसी
बता दें कि 2008 में अनुबंध पॉलिसी अधिसूचित की गई थी। उस दौरान 8 साल पूरा करने वाले अनुबंध कर्मियों को रैगुलर करने का प्रावधान किया गया। वर्ष 2012 में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने इसे 6 साल किया। वर्ष 2015 में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने अनुबंध कार्यकाल 6 से घटाकर 5 साल किया। इसके बाद 2017 में भी कांग्रेस सरकार ने ही अनुबंध कार्यकाल 5 से कम करके 3 साल किया। इस वजह से खासकर उन अनुबंध कर्मचारियों की सीनियोरिटी पर बुरा असर पड़ रहा है जो 8, 6 या 5 साल के सेवाकाल के बाद रैगुलर हुए हैं।
जेसीसी में कमेटी गठित करने का निर्णय
जेसीसी में इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा के बाद सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है। कमेटी में अनुबंध से नियमित कर्मचारी संघ के पदाधिकारी भी शामिल किए जाएंगे। यानी सरकार ने अब गेंद कमेटी के पाले में डाल दी है। इस मुद्दे को लेकर अनुबंध से रैगुलर हो चुके कर्मचारी मायूस हैं क्योंकि भाजपा सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और मौजूदा मु यमंत्री कई बार अनुबंध से नियमित कर्मियों को इस मांग को जायज ठहरा चुके हैं।
कमेटी का जल्द किया जाए गठन : मनीष गर्ग
अनुबंध से नियमित कर्मचारी संघ अध्यक्ष मनीष गर्ग ने कहा कि अनुबंध से नियमित हो चुके 70 हजार कर्मचारियों को जेसीसी से बहुत ज्यादा उम्मीदें थीं लेकिन डेट ऑफ अप्वाइंटमैंट से सीनियोरिटी नहीं मिलने से सभी कर्मचारी मायूस हैं। जेसीसी में चर्चा के बावजूद उनकी जायज मांग को अनुसना किया गया है। अब सरकार से आग्रह है कि इस मांग के लिए प्रस्तावित कमेटी का जल्द गठन किया जाए और कमेटी की समयबद्ध अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए जाए।
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