70 लाख लोगों को मोदी का लॉलीपॉप, बातों में ही सिमटा PM का हिमाचल दौरा

Thursday, Oct 05, 2017 - 12:17 PM (IST)

बिलासपुर: विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बिलासपुर की आभार रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां एम्स व ट्रिप्पल आईटी का शिलान्यास और कंदरोड़ी स्टील प्लांट का लोकार्पण किया, वहीं अपने भाषण के दौरान उन्होंने प्रदेश के लोगों के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की। वह चुनावों में प्यार और आशीर्वाद का राग अलापकर दिल्ली लौट गए। शिमला के बाद बिलासपुर में चुनावी माहौल बनाने आए मोदी न भानुपल्ली-बिलासपुर-मनाली-लेह रेललाइन के लिए बजट, न ही हिमाचल को रायल्टी के रूप में मिलने वाली हिस्सेदारी के लिए घोषणा कर पाए। उन्होंने पिछली बार की तरह इस बार भी प्रदेश के 70 लाख लोगों को निराश किया।


2 घंटे 2 मिनट 2 सेकंड रहे प्रधानमंत्री
बताया जाता है कि वह बिलासपुर में दो घंटे, दो मिनट तथा दो सेकंड रहे। प्रधानमंत्री का हेलिकाप्टर 12 बजकर 34 मिनट पर उतरा। इसके बाद 12:55 पर एम्स का शिलान्यास किया। फिर 12:56 पर ट्रिप्पल आईटी तथा 12:57 पर कंदरोड़ी स्टील प्लांट का लोकार्पण किया। इसके बाद वह एक बजकर तीन मिनट पर मंच पर चढ़े और 01:43 पर जनसमूह को संबोधित किया। कुल 41 मिनट तक पीएम का संबोधन  2:24 मिनट पर खत्म हुआ और 2 बजकर 36 मिनट और दो सेकंड पर पीएम के हेलिकाप्टर ने उड़ान भरी।  


प्रदेश सरकार के खिलाफ ज्यादा आक्रामक नहीं
आभार रैली में प्रधानमंत्री प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख में नजर नहीं आए। भाषण को खत्म करने से कुछ समय पहले मुख्यमंत्री का नाम लिए बगैर सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर तंज कसते हुए कटाक्ष किए। जमानत पर चल रही सरकार पर बरसने के साथ ही नाम लिए बगैर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष (सोनिया गांधी) व युवराज (वरिष्ठ उपाध्यक्ष राहुल गांधी) पर सियासी वार किया।


अब प्रदेशवासियों को मिलेगा सस्ता सरिया
प्रदेश के लोगों को घर बनाने के लिए जहां सस्ता सरिया मिलेगा, वहीं युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। आभार रैली में केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि कंदरोड़ी स्टील प्लांट में एक साल में एक लाख टन सरिया का उत्पादन होगा।केंद्रीय इस्पात मंत्री ने कहा कि भाजपा की कथनी व करनी में कोई अंतर नहीं है। भाजपा जो कहती है, वह करती है।


सात साल लटका रहा स्टील प्लांट
पीएम ने कहा कि कंदरोड़ी स्टील प्लांट से एक हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त हजारों स्थानीय लोगों को व्यावसायिक तौर पर लाभ होगा। कंदरोड़ी स्टील प्लांट का शिलान्यास 2009 में यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुआ था और 70 करोड़ के इस प्रोजेक्ट पर विभागों के आपसी टकराव के चलते सात साल तक विलंब होता रहा।