चम्बा में बर्फबारी से 66 सड़कें अभी भी बंद, 107 ट्रांसफार्मर ठप्प

Monday, Feb 05, 2024 - 11:16 PM (IST)

चम्बा/भरमौर (काकू/उत्तम): जिला चम्बा में बर्फबारी के 4 दिन बाद भी जनजीवन पटरी पर नहीं लौट पाया है। आलम यह है कि चम्बा-चुवाड़ी वाया जोत मार्ग समेत करीब 66 सड़कें यातायात के लिए अवरुद्ध पड़ी हैं। वहीं 107 ट्रांसफार्मर ठप्प पड़े हैं। इससे जिलावासियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। विशेषकर पांगी के अधिकतर गांवों में अंधेरा पसरा हुआ है। वहीं सड़कें बंद होने के कारण क्षेत्र के लोग घाटी में ही कैद होकर रह गए हैं। प्रशासन द्वारा सड़क व बिजली व्यवस्था को सुचारू करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य शुरू किया गया है, लेकिन मौसम के कड़े तेवरों के कारण व्यवस्थाएं बहाल नहीं हो पाई हैं। इससे दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं। सोमवार को लोक निर्माण विभाग ने 27 और सड़कों को बहाल कर दिया है। इसके बावजूद पांगी में 35 मार्ग अवरुद्ध पड़े हैं। वहीं चम्बा में 11, भरमौर में 10, तीसा में 5, सलूणी व भटियात में 2-2 तथा डल्हौजी में एक सड़क बंद है। इन सभी मार्गों को खोलने में अभी और समय लग सकता है। 

पांगी की अधिकतर पंचायतों में बिजली गुल 
उधर, बिजली बोर्ड ने 212 और ट्रांसफार्मरों को चालू कर दिया है, लेकिन पांगी घाटी में 43 ट्रांसफार्मर अब तक ठप्प पड़े हुए हैं। इसके साथ ही तीसा में 28, सलूणी में 25, भरमौर में 9, चम्बा में बंद पड़े 2 ट्रांसफार्मरों को सुचारू नहीं किया जा सका है। जनजातीय क्षेत्र पांगी में पावर हाऊस चालू होने के बावजूद घाटी की अधिकतर पंचायतों में बिजली गुल है। लोगों को कड़ाके की इस ठंड में अंधेरे में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। घाटी में करीब 3 फुट हिमपात हुआ है। इससे अधिकतर बिजली लाइन ध्वस्त हो चुकी है। शोर पंचायत से लेकर धरवास पंचायत तक बिजली आपूर्ति बाधित पड़ी हुई है। माइनस डिग्री तापमान में कर्मचारियों को काम करने में काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं। कड़ाके की ठंड में लाइनों पर काम करना बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के लिए एक बड़ा मिशन बन गया है। बिजली बोर्ड के एसई राजीव कुमार ने बताया कि पावर हाऊस सभी काम कर रहे हैं, लेकिन जगह-जगह बिजली के पोल व लाइनें क्षतिग्रस्त होने की वजह से बिजली आपूर्ति बाधित है। सोमवार देर शाम तक मिंधल, कुलाल, रेई, शौर, थांदल व हिलौर तक बिजली बहाल की जाएगी। वही साच पावर हाऊस से सेचू पंचायत तक बिजली बहाल होने में अभी काफी समय लगेगा। 

बर्फबारी के चार दिन बाद भरमौर पहुंचीं बसें
जनजातीय क्षेत्र भरमौर में सोमवार को ताजा हिमपात हुआ है। रुक-रुक कर हो रही बारिश व हिमपात के कारण पूरे क्षेत्र में कड़ाके की शीतलहर जारी है। लोक निर्माण विभाग ने क्षेत्र के अधिकतर मार्गों से बर्फ हटा दी है लेकिन दोबारा हिमपात होने से  एक बार फिर से बर्फ की चादर बिछ गई है, जिसे विभागीय कर्मचारी मिट्टी या रेत फैंककर चलने योग्य बना रहे हैं। चौथे दिन चम्बा से निजी बसें भरमौर पहुंच गई हैं। सड़क में फिसलन होने के कारण तीन बजे के बाद बसें भरमौर ले जाना उचित नहीं है। बर्फ जम जाने के कारण फिसलन का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि सड़क में मिट्टी या रेत फैंककर फिसलन को कम करने के प्रयास विभाग ने किए हैं। 

ऊंचाई वाले कई स्थानों पर पानी के नल अभी तक जाम
शून्य से नीचे चल रहे तापमान की वजह से ऊंचाई वाले कई स्थानों पर पानी के नल अभी तक जाम हैं। फरवरी महीने में हो रहे हिमपात के बाद कड़ाके की शीतलहर निरंतर जारी है। पेयजल व्यवस्था बहाल करने के लिए विभाग बड़े सप्लाई टैंकों को रात को मजबूरी में बंद करता है, लेकिन शून्य से नीचे चल रहे तापमान में पाइपें ही जाम हो जाती हैं। गांवों को आने वाली सप्लाई वाले टैंक को रात को बंद कर दिए जाने से कई बार पूरी लाइन जाम हो जाती है। इन गावों के लोगों ने विभाग से रात को टैंक बंद न करने की मांग की है ताकि सप्लाई बाधित न हो और नल भी जाम न हों।  
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Content Writer

Vijay