6 महीनों से बिना मानदेय के काम कर रहे जल रक्षक

Monday, Jan 30, 2017 - 04:05 PM (IST)

मंडी (नीरज शर्मा): हिमाचल प्रदेश की ग्राम पंचायतों में आईपीएच विभाग द्वारा रखे गए पंचायत जल रक्षक आज खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। मात्र 1500 रुपए  पर काम कर रहे जल रक्षकों को बीते 6 महीनों से यह वेतन भी नसीब नहीं हो पाया है और न ही राज्य सरकार इनके हक में कोई स्थाई नीति बना सकी है। इसी बात से खफा पंचायत जल रक्षक यूनियन के कार्यकर्ता सोमवार को सीटू के बैनर तले सड़कों पर उतरे और राज्य सरकार तथा आईपीएच विभाग के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। सीटू के जिला उपाध्यक्ष परस राम ने बताया कि जल रक्षकों को मात्र 2 घंटे की डयूटी के लिए तैनात किया गया था लेकिन आज हालात यह हैं कि इनसे सारा दिन काम लिया जा रहा है और बदले में मात्र 1500 रुपए ही मिल रहे हैं। 


6 महीनों से नहीं मिल पा रहे पैसे
हैरत की बात तो यह है कि यह पैसे भी इन्हें बीते 6 महीनों से नहीं मिल पा रहे हैं। बता दें कि आईपीएच विभाग पहले पंचायतों को इनके वेतन का भुगतान करता है और फिर पंचायतें जल रक्षकों को वेतन की अदायगी करती हैं। लेकिन बीते 6 महीनों से एक नए पैसे का भी भुगतान इन्हें नहीं हो पाया है। सीटू ने राज्य सरकार से इनके वेतन की अदायगी करने के साथ ही इनके लिए स्थाई नीति बनाने की मांग भी उठाई है। सीटू के जिला उपाध्यक्ष परस राम का कहना है कि अगर सरकार इनके हक में कोई स्थाई नीति नहीं बनाती है तो फिर आने वाले समय में उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसमें बजट सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करने पर भी विचार किया जा रहा है। इन्होंने सरकार से बजट सत्र में इनके हक में कोई स्थाई नीति बनाने की मांग उठाई है। धरना-प्रदर्शन के उपरांत इन्होंने जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, आईपीएच मंत्री विद्या स्टोक्स और आईपीएच विभाग के इंजीनियर इन चीफ को अपना मांगपत्र भेजा।