तलाई सभा के 6 सदस्यों ने दिया सामूहिक Resignation

Tuesday, Mar 12, 2019 - 12:40 PM (IST)

शाहतलाई (हिमल): हिमाचल प्रदेश में लगातार 6 बार प्रथम व देश में 2 बार पहले स्थान पर रहने वाली तलाई सहकारी सभा सीमित अब आर्थिक बदहाली का सामना कर रही है। प्रबंधन समिति के 6 सदस्यों ने सभा की सदस्यता से सामूहिक त्याग पत्र दे दिया है। याद रहे कि सभा की आर्थिक हालत पतली होने पर शेयरधारक/खाताधारक उनके पैसे लौटाने की मांग कर रहे थे, साथ ही प्रबंधन समिति के सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों से लगातार त्याग पत्र देने की मांग भी की जा रही थी ताकि सभा को नए सिरे से स्थापित कर कामकाज शुरू किया जा सके। मिली जानकारी के अनुसार सभा की प्रबंधन समिति के 7 सदस्यों ने रविवार को ही सभा की सदस्यता से त्याग पत्र देकर सब को आश्चर्यचकित कर दिया है। 

मिली जानकारी के अनुसार जिन सभा की प्रबंधन समिति के सदस्यों ने सामूहिक रूप से त्याग पत्र दिया है, उनमें पवन कौशल, पृथी चंद धीमान, सुशील कुमार, अश्विनी बन्याल, रोशन लाल व नरेश कुमार कुमार शामिल हैं जबकि महेंद्र सिंह ठाकुर ने डाक के माध्यम से अपना त्याग पत्र भेजा है लेकिन अभी तक सभा कार्यालय में उनका त्याग पत्र नहीं पहुंचा है। काबिलेगौर है कि दी तलाई सेवा सहकारी सभा में लगभाग 5,000 शेयरधारक हैं तथा उनमें से कई शेयरधारकों के करोड़ों रुपए जमा हैं लेकिन वर्तमान में सभा के पास कोई पैसा नहीं है। सबसे बड़ी बात है कि सभा अपने खाताधारकों की जमा पूंजी को लौटाने में असमर्थ रही है। इस कारण शेयरधारकों/खाताधारकों ने अपने ही पैसों को सभा से प्राप्त करने के लिए संघर्ष समिति का गठन भी किया है जोकि पैसे न लौटाने पर आंदोलन करने की भी धमकी सभा को दे चुकी है। हालांकि यह बात अलग है कि सभा अभी तक पैसे लौटाने में पूरी तरह असमर्थ रही है।

उधर, सभा की प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा त्याग पत्र देने के बारे में सभा के सचिव राजेश पटियाल का कहना है कि सभा के 6 सदस्यों के त्याग पत्र आए हैं, जिनको आज ही आगामी कार्यवाही हेतु ए.आर. बिलासपुर के पास भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि महेंद्र सिंह ठाकुर का त्याग पत्र उनके पास अभी तक नहीं आया है। उधर, इस बारे में ए.आर. बिलासपुर रमेश शर्मा ने बताया कि अभी तक उनके पास त्याग पत्र नहीं आए हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने 2 दिन पूर्व ही दी तलाई सेवा सहकारी सभा सीमित को नोटिस भेजा है, जिसमें कहा गया है कि वे सभा में जमा लोगों की पूंजी लौटाने में असमर्थ रहे हैं, जिस कारण लोग परेशान हैं तो क्यों न सभा की प्रबंधन समिति व कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए।

Ekta