4 बेटे फिर भी नहीं मिला सहारा, बीमारी की हालत में खुले आसमान तले रहने को मजबूर 90 वर्षीय वृद्धा

Saturday, Sep 01, 2018 - 11:06 PM (IST)

हमीरपुर: बुजुर्ग तां ढोलकियां च मढ़ाई ने रखने, यह कहावत है पहाड़ी भाषा में हमारे बुजुर्गों के लिए लेकिन वर्तमान में संस्कारों की कमी के चलते आज बुजुर्गों की दशा बहुत खराब है। जब बच्चे बड़े हो जाते हैं और उनकी शादियों के बाद उनके भी आगे बच्चे हो जाते हैं तो यही बच्चे अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल से कतराते हैं। हालत यह हो चुकी है कि आज कई जगहों पर बुजुर्गों को बीमारी की हालत में दवाई तो दूर की बात उनके बच्चे घर की छत के अंदर रखना भी पसंद नहीं कर रहे हैं।

महिला ने सुनाया नानी का दर्द
ऐसा ही एक उदाहरण नादौन उपमंडल के एक गांव का सामने आया है, जहां एक महिला ने पंजाब केसरी कार्यालय में पहुंचकर अपनी करीब 90 वर्षीय नानी की दुर्दशा को बयान किया। महिला ने बताया कि उसकी नानी 90 वर्ष की है तथा बीमारी के चलते वह चलने-फिरने में असमर्थ है, वहीं नानी के 4 बेटे हैं जोकि अच्छी नौकरी करते हैं लेकिन नानी की देखभाल करने और दवाई इत्यादि देने में आनाकानी करते हैं, जिसके चलते उनकी हालत यह है कि उन्हें अपने ही घर की छत तक नसीब नहीं हो रही है।

बीमारी की हालत में घर के आंगन में पड़ी हुई वृद्धा
आज वह बीमारी की हालत में घर के आंगन में पड़ी हुई है। अगर किसी ने खाना दे दिया तो खा लिया, अन्यथा भूखी ही सो जाती है। हालांकि नानी को बुढ़ापा पैंशन लगी है लेकिन वह भी उसे नहीं मिलती है। उक्त महिला ने जिला प्रशासन व सरकार से गुहार लगाई है कि उसकी नानी की देखभाल के लिए सरकार मदद करे।

Vijay