हिमाचल पौने 4 लाख मनरेगा जॉब कार्ड निष्क्रिय

Saturday, Jun 23, 2018 - 10:00 PM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश में पौने करीब 4 लाख जॉब कार्ड निष्क्रिय पाए गए हैं। यानी ऐसे लोग जॉब कार्ड को बनाने के बाद मनरेगा का काम मांगने नहीं आए। प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में ही करीब 1 लाख जॉब कार्ड निष्क्रिय पाए गए। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से जारी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार कांगड़ा जिला में 2,46,669 में से 1,37,812 जॉब कार्ड ही एक्टिव हैं। इसी तरह शिमला जिला में 1,14,241 जॉब कार्ड में से 75,340 तथा मंडी जिला में 2,30,650 जॉब कार्ड में से 1,77,000 से कुछ अधिक कार्ड ही एक्टिव हैं। इसके अलावा शेष जिलों में यह संख्या कम है। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में चालू जून माह तक करीब 11,78,976 जॉब कार्ड मनरेगा के तहत जारी हुए हैं। इनमें से 7,55,372 जॉब कार्ड एक्टिव थे। जानकारी के अनुसार विभाग की तरफ से 95.4 फीसदी मनरेगा कार्डों की पड़ताल अलग-अलग माध्यमों से की गई है। यानी करीब 1,18,452 कार्डों की पड़ताल हो पाई।


कई पंचायतें खर्च नहीं पाईं आबंटित राशि
रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश की कई पंचायतें मनरेगा के तहत आबंटित राशि को खर्च नहीं कर पाई हैं। वर्ष 2014-15 में ऐसी पंचायतों की संख्या 42, वर्ष 2015-16 में 68, वर्ष 2016-17 में 26 तथा 2017-18 में 34 हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष में अब तक 86 पंचायतों में राशि खर्च नहीं हो पाई है।


काम मांगने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक
मनरेगा के तहत काम मांगने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक है। यानी मनरेगा के तहत काम मांगने वालों में 61 से 63 फीसदी तक महिलाएं थीं। इसके अलावा करीब पौने 3 फीसदी अनुसूचित जाति तथा साढ़े 7 से सवा 8 फीसदी संख्या अनुसूचित जनजाति के लोगों की है। इसी तरह प्रदेश में बीते 5 सालों में करीब 6 हजार दिव्यांगों ने भी मनरेगा के तहत काम मांगने के बाद प्रदान किया है।

Vijay