36 घंटों तक दरिंदों के कब्जे में रही ‘निर्भया’, हुए कई चौंकाने वाले खुलासे

Monday, Jul 10, 2017 - 12:24 PM (IST)

शिमला: शिमला के कोटखाई की 10वीं में पढ़ने वाली 15 साल की नाबालिग छात्रा ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि 4 जुलाई की शाम 4 बजे वह अंतिम बार स्कूल के गेट से बाहर निकलेगी और कभी नहीं लौटेगी। उसे इस बात का जरा सा भी अंदाजा नहीं था कि उसके साथ ऐसी दरिंदगी होगी। हैरानी की बात है कि छात्रा को दरिंदों ने लगभग 36 घंटों तक अपने कब्जे में रखा और उसके साथ बलात्कार किया। मौके पर शराब की खाली बोतले भी मिली हैं। हैवानियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आरोपियों ने उसके हाथ-पैर तक तोड़ दिए। वहीं पोस्टमॉर्टम में खुलासा हुआ है कि पहले छात्रा से बलात्कार हुआ है फिर उसका गला घोंटा गया। सोमवार को परिजनों समेत गांववासी राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। 


4 जुलाई को लापता हुई थी छात्रा
बताया जाता है कि 4 जुलाई को 15 वर्षीय छात्रा घर लौटते समय अचानक शाम को गायब हो गई थी। जब वह घर न आई तो उसके अभिभावकों ने सोचा कि वह अपने मामा या फिर अपनी सहेली के घर में रुक गई होगी। 5 जुलाई की शाम को जब मृतका का छोटा भाई रात करीब पौने आठ बजे स्कूल से घर पंहुचा तो उसने मां-बाप से पूछा कि दीदी कहां है। उसने कहा कि दीदी तो कल ही घर आ गई थी। बेटे का जबाव सुनकर मां-बाप के पैरों तले जमीन खिसक गई और वह उसे ढूंढने लग गए। बताया जाता है कि 4 जुलाई को स्कूल में टूर्नामेंट चल रहे थे। छात्रा का छोटा भाई भी इसी स्कूल में पढ़ता है। छआत्रा उसके पास आई और कहने लगी कि घर चलना है। उसने इनकार करते हुए कहा कि वह आज यहीं रुकेगा। इस पर उसने भाई से कहा कि वह घर जा रही है। स्कूल से अपनी एक सहेली के साथ बानकुफर तक गई, उसके बाद अपने घर की तरफ चली गई। इसके बाद उसके साथ कौन था और जंगल में कौन उसको उठा ले गया इसका जवाब पुलिस खोज रही है। 


मामा ने देखा सबसे पहले भांजी का शव  
बुधवार देर रात को गुड़िया के लापता होने की खबर जब उसके मामा को भी दी गई तो वह जंगल में खोज शुरू करने चले गए। अगले दिन स्कूल से महज 4 किलोमीटर दूर दांदी के घने जंगल में भांजी को ढूंढने निकल गया। वीरवार सुबह करीब 7 बजे मामा को भांजी का शव नग्न हालत में मिला था। 


लोगों में घटना को लेकर आक्रोश
गुनाहगारों को गिरफ्तार करने में हो रही देरी से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हो चुके हैं। लोग बच्चों को घर से बाहर भेजने से भी डर रहे हैं। नाबालिग को घर से करीब 7 किलोमीटर दूर घने जंगलों से होकर स्कूल जाना पड़ता था। राज्य में कानून व्यवस्था पर भी ऐसी घटना ने सवाली निशान खड़े कर दिए है। एसपी शिमला और ठियोग के डीएसपी टीम के साथ मौके पर छानबीन में जुटे हुए हैं। अभी तक करीब 15 लोगों से पुलिस पूछताछ की जा चुकी है। 


छात्रा के पांव से गायब एक जुराब तक नहीं ढूंढ पाई
दरिंदों को पकड़ने के लिए शिमला की स्मार्ट पुलिस के लंबे हाथ छोटे पड़ गए हैं। जंगलों की खाक छानने के बाद भी वह छात्रा के पांव से गायब एक जुराब तक नहीं ढूंढ पाई है। रविवार को दिन भर वह जंगलों में भटकती रहीं लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। आरोप है कि पुलिस ने पहले दिन इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया है। कई लोगों ने मोबाइल से छात्रा के शव के फोटो खींच कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए। घंटों बाद पुलिस ने जंगल में आकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी अस्पताल भेज दिया।