रिटायर्ड डिप्टी रेंजर की टैंशन, 32 साल नौकरी के बाद 1300 रुपए मिल रही पैंशन

Saturday, Dec 23, 2017 - 01:58 AM (IST)

बिझड़ी: प्रदेश में राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशियों की जीत के बाद एक दिन भी पद पर रहने वाले नेताओं को ताउम्र पैंशन की व्यवस्था सरकारों ने की है। नेताओं का मानदेय हर 5 वर्ष बाद पार्टियां बिना किसी रोकटोक के बढ़ा रही हैं और ताउम्र पैंशन की व्यवस्था की गई है लेकिन दूसरी तरफ जिंदगी भर देश के लिए अपनी सेवाएं दे चुके सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पैंशन बंद है या जिन कर्मचारियों को पैंशन मिल भी रही है, वह नाममात्र ही मिल रही है। ऐसा ही एक वाकया वन विभाग कार्पोरेशन के अधीन 32 साल तक सेवाएं देने वाले उपमंडल बड़सर की ग्राम पंचायत घंगोट के सेवानिवृत्त डिप्टी रेंज ऑफिसर का सामने आया है। 

फरवरी, 1975 में फोरैस्ट कार्पोरेशन के अधीन हुई थी नियुक्ति
फोरैस्ट कार्पोरेशन विभाग द्वारा फरवरी, 1975 से जनवरी, 2007 तक पूरे 32 वर्ष विभाग के लिए सेवाएं देने वाले रिटायर डिप्टी रेंज ऑफिसर कर्म सिंह को मात्र 1300 रुपए मासिक पैंशन दी जा रही है। कर्म सिंह ने बताया कि फरवरी, 1975 से उनकी नियुक्ति वन विभाग के फोरैस्ट कार्पोरेशन के अधीन हुई थी। जनवरी, 2007 में वह डिप्टी रेंज ऑफिसर की पोस्ट से रिटायर हुए हंै लेकिन उन्हें मात्र 1300 रुपए पैंशन मिल रही है। उनका कहना है कि अब उनकी उम्र 70 वर्ष से ऊपर हो चुकी है तथा वह अब चलने-फिरने में भी असमर्थ हैं। मात्र 1300 रुपए से गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। 

बिना नौकरी के 1500 तो नौकरी करने वाले को 1300 रुपए क्यों?
उनका कहना है कि भारत सरकार 65 वर्ष के बाद 1500 रुपए महीना बुढ़ापा पैंशन दे रही है जिन्होंने कभी कोई सरकारी नौकरी पर सेवाएं नहीं दी हैं। उन्होंने तो पूरे 32 वर्ष वन विभाग के फोरैस्ट कार्पोरेशन में सेवाएं दी हैं तो फिर उनकी पैंशन को क्यों नहीं बढ़ाया गया है। उन्होंने नई सरकार से उम्मीद के साथ गुहार लगाई है कि सरकार उनकी सेवाओं व उम्र को ध्यान में रखते हुए उनकी पैंशन को वन विभाग के दूसरे कर्मचारियों के बराबर देने की कृपा करे।