सोलन में 30 प्रवासी परिवार झेल रहे कर्फ्यू की मार, भूखे रहने की नौबत आई

Thursday, Apr 02, 2020 - 10:36 PM (IST)

सोलन (नरेश पाल): कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए हिमाचल प्रदेश में लगाए गए कर्फ्यू व लॉकडाऊॅन के चलते सोलन शहर के वार्ड नंबर-13 के क्लीन में रह रहे करीब 30 प्रवासी मजदूर परिवारों के भूखे रहने की नौबत आ गई है। क्लीन क्षेत्र में जिला प्रशासन द्वारा जरूरतमंद लोगों को राशन लगातार वितरित किया जा रहा है लेकिन प्रशासन की मदद इन परिवारों तक नहीं पहुंच रही है। इसके कारण इन परिवारों के करीब 100 लोगों पर भूखे रहने का संकट आ गया है। प्रशासन की टीम ने भी इन परिवारों को वैरीफाई किया हुआ है कि इनके घरों में राशन अब खत्म हो गया है, इसके बावजूद इन परिवारों को राशन का वितरण नहीं हो रहा है।

3-4 बार प्रशासन की सूची में लिखवाया नाम

प्रवासी मजदूरों का कहना है कि वे राशन के लिए 3-4 बार प्रशासन की सूची में अपना नाम लिखा चुके हैं। उनका कहना है कि यदि प्रशासन उन्हें राशन देने में असमर्थ है तो उन्हें उनके राज्य वापस भेज दे। वे मेहनत-मजदूरी करने वाले लोग हैं, आजकल दिहाड़ी भी नहीं लग रही है। इसके कारण उनके पास अब राशन खरीदने के लिए पैसे भी नहीं हैं। कुछ का तो यहां तक कहना है कि वे पानी पीकर ही गुजारा कर रहे हैं।

टीम के वैरीफाई करने के बाद ही मिलता है राशन

विदित रहे कि जरूरतमंद लोगों को राशन पहुंचाने के लिए प्रशासन की कई टीमें लगी हुई हैं। जरूरतमंद लोगों द्वारा राशन के लिए डीसी कार्यालय में इस कार्य के लिए स्थापित किए गए सैल में फोन पर अपना नाम दर्ज करवाया जाता है। यही नहीं, प्रशासन की टीम मौके पर जाकर भी ऐसे लोगों का पता करती है। इसके बाद प्रशासन की दूसरी टीम इन लोगों के घरों में जाकर वैरीफाई करती है कि सच में इन लोगों के पास राशन खत्म हो गया है या नहीं। इस टीम के वैरीफाई करने के बाद ही प्रशासन की तीसरी टीम द्वारा राशन का वितरण किया जाता है।

राशन के लिए नाम तो लिखे लेकिन दे कोई नहीं रहा

राम यादव का कहना है कि वे राशन के लिए 3-4 बार नाम लिखवा चुके हैं लेकिन राशन नहीं मिल रहा है। रामू का कहना है कि यदि प्रशासन उन्हें राशन देने की स्थिति में नहीं है तो वह उन्हें उनके राज्यों को भेजने की अनुमति दे ताकि वे लोग अपने परिवार के साथ रह सकें। सुरेश का कहना है कि वे दिहाड़ी लगाने वाले लोग हैं। जो कमाते थे, उसी से ही खाते थे। कोरोना के कारण सब कुछ बंद हो गया है। रोटी के अब लाले पड़ गए हैं। भूवाली का कहना है कि राशन के लिए उनके नाम लिखे तो जा रहे हैं लेकिन दे कोई नहीं रहा है। अब भूखे रहने की नौबत आ गई है। 

क्या बोले तहसीलदार

वहीं इस मामले पर तहसीलदार सोलन गुरमीत नेगी ने बताया कि क्लीन क्षेत्र में जरूरतमंद लोगों को लगातार राशन का वितरण किया जा रहा है। उस क्षेत्र में प्रवासी मजदूरों की संख्या बहुत अधिक है। सभी पात्र परिवारों को राशन का वितरण किया जा रहा है। जो परिवार रह गए हैं उन्हें भी राशन का वितरण किया जाएगा।

Vijay