30 फीट ऊंची बर्फ की दीवार को चीरकर रास्ता बना रहे BRO जवान

Saturday, Mar 25, 2017 - 02:28 PM (IST)

मनाली: सर्दियों में बिछी बर्फ की मोटी परत को पिघलाने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने शुक्रवार को मनाली से 28 किलोमीटर दूर राहलाफाल से अपने कदम आगे बढ़ा दिए हैं। गुलाबा को बहाल करने के बाद बीआरओ मढ़ी की बहाली में जुट गया है। चुम्बक मोड़ से ब्यास नाला तक उन्हें कड़ी चुनौती पार करनी होगी। इस प्वाइंट पर एवलांच आने से 40 से 60 फुट तक बर्फ की मोटी परत बिछी हुई है। राहलाफाल नाले में बीआरओ लगभग 30 फुट ऊंची बर्फ की दीवार को चीर कर आगे बढ़ रहा है।


मनाली-लेह मार्ग में बर्फ के पहाड़ खड़े
जनवरी से हो रही बर्फबारी से मनाली-लेह मार्ग में बर्फ के पहाड़ खड़े हो गए हैं। राहलाफाल, चुम्बक मोड़, ब्यासनाला, राहनीनाला व डोहरी मोड़ सहित सिस्सू से कोकसर तक 20 से अधिक स्थानों में हिमस्खलन हुआ था। अधिकतर नालों में हुए हिमस्खलन से 40 से 80 फुट तक बर्फ की ऊंची दीवार चीर कर रास्ता बनाना होगा। वहीं बी.आर.ओ. का दावा है कि मई में रोहतांग दर्रे के दोनों छोरों को जोड़ दिया जाएगा। रोहतांग सुरंग परियोजना भी दर्रे के बहाल होने के बाद ही लाहौल की ओर नॉर्थ पोर्टल में वह अपना काम शुरू कर सकेगी। 


डोजर के आगे चलते हैं माइला लामा
भूसे के ढेर में सूई ढूंढने के समान बर्फ में दबी सड़क को खोजने का जिम्मा माइला लामा बखूबी निभा रहे हैं। अढ़ाई दशकों से बीआरओ के साथ काम कर रहे नेपाली मूल के माइला लामा स्नो कटर के आगे-आगे चल कर काफिले का मार्गदर्शन कर रहे हैं, चूंकि खड़ी ढलान और गहरी घाटी के मध्य सड़क को 10 से 30 फुट बर्फ खोद कर खोज निकालना हर किसी के बस का काम नहीं। लामा अपने लंबे तजुर्बे के चलते इस कला में महारत हासिल करने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं। ग्लेशियर प्वाइंट से परिचित माईला लामा के उपस्थित रहने से डोजर चालक भी निडर होकर काम कर रहे हैं। माइला लामा ने बताया कि बर्फ  के पहाड़ काटना इतना आसान नहीं है लेकिन बी.आर.ओ. 70 आर.सी.सी. की पूरी टीम की मेहनत से बर्फ की मोटी दीवार को हटा दिया जाएगा।