कोरोना वैक्सीन के 3 सैंपल फेल, सीडीएल कसौली ने जारी किया अलर्ट

Friday, May 20, 2022 - 11:13 PM (IST)

सोलन (नरेश पाल): कोरोना वायरस वैक्सीन के 3 सैंपल फेल हो गए हैं। कोरोना वैक्सीन के सैंपल फेल होने का यह पहला मामला है। देश में जनवरी, 2021 से कोरोना वैक्सीनेशन शुरू हुई थी। सीडीएल कसौली से अभी तक कोरोना वैक्सीन की 225 करोड़ डोज जांच के बाद रिलीज हो चुकी हैं या यूं कहें सैंपल पास हो गए हैं। देश में कोरोना वायरस वैक्सीन के सैंपल की जांच सीडीएल कसौली में ही हो रही है। सीडीएल ने कोरोना वैक्सीन के 3 सैंपल फेल होने की जानकारी दी है, मगर यह खुलासा नहीं किया गया है कि किस कंपनी के सैंपल फेल हुए हैं। जिस बैच के सैंपल फेल हुए हैं, उन्हें बाजार या फिर सरकारी अस्पतालों को जारी करने पर रोक लगा दी है। देश में करीब 192 करोड़ वैक्सीन लग चुकी हैं। 87.80 करोड़ लोगों को दोनों डोज लग चुकी हैं। 

देश में अभी तक 8 वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है। इनमें कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पूतनिक-बी, कोवोवैक्स, कोर्बेवैक्स, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन और जायडस कैडिला की जाय काव-डी. शामिल हैं। कोविशील्ड के करीब 155 करोड़ और कोवैक्सीन के 50 करोड़ डोज के सैंपल जारी किए जा चुके हैं। इसके अलावा पनेशिया बॉयोटैक कंपनी बद्दी द्वारा बनाई जा रही स्पूतनिक-बी की करीब 1.50 करोड़ और जॉनसन एंड जॉनसन के 1 करोड़ डोज के सैंपल सीडीएल कसौली में पास हो चुके हैं। जायडस कैडिला की जाय काव-डी. के करीब 1 करोड़ और कोवोवैक्स व कोर्बेवैक्स वैक्सीन के भी करीब 50-50 लाख सैंपल पास हो चुके हैं।  

अब तो देश में 6 से 11 आयु वर्ग के बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन की डोज दी जाएगी। भारत बायोटैक की कोवैक्सीन को आपातकाल में इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कुछ शर्तों के साथ 6 से 11 साल के आयु वर्ग के लिए भारत बायोटैक की कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन को प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग देने की सिफारिश की है। इससे पहले सरकार के विषय विशेषज्ञ समिति हैदराबाद की बायोलॉजिकल ई की कोर्बेवैक्स वैक्सीन को 5 से 11 आयु वर्ग के बच्चों में आपात स्थिति में इस्तेमाल करने की अनुमति प्रदान कर दी है और मंजूरी के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को भेज दिया है। इसी बीच ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कोवैक्सीन को मंजूरी प्रदान कर दी थी। 12 से 17 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के टीकाकरण में कोवोवैक्स वैक्सीन का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। 9 मार्च को ही इसके आपात स्थिति में इस्तेमाल करने की मंजूरी मिली थी। 16 मार्च से 12 से 14 वर्ष के बच्चों को टीकाकरण का अभियान शुरू हो गया था।

रोटा वायरस वैक्सीन का भी एक सैंपल फेल
रोटा वायरस वैक्सीन का भी एक सैंपल फेल हुआ है। सीडीएल कसौली में इस वैक्सीन के सैंपल फेल होने का यह पहला मामला है। सीडीएल ने यह जानकारी दी। रोटा वायरस संक्रमण 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को ज्यादातर अपना शिकार बनाता है। यह खांसने व छींकने से एक से दूसरे व्यक्ति को फैलता है। इसके लक्षण बिल्कुल सामान्य हैं, जैसे कि सर्दी-खांसी, बुखार, दस्त, उल्टी व पेट दर्द शामिल हैं। दस्त व उल्टी की वजह से बच्चों के शरीर में पानी की भारी कमी हो जाती है। सीडीएल के अधिकारी ने कोरोना वायरस वैक्सीन के 3 और रोटा वायरस वैक्सीन के एक सैंपल के फेल होने की पुष्टि की है।

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Content Writer

Vijay