देवभूमि की वादियों में 22 साल बाद फिर दौड़ने के लिए तैयार Kangra Queen

Wednesday, Mar 08, 2017 - 04:48 PM (IST)

कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश की वादियों में दोबारा भाप के इंजन सहित कांगड़ा क्वीन दौड़ने को तैयार हो गई है। पूरी तरह नए रूप से निर्मित होकर पठानकोट पहुंचे जैड.बी.-66 स्टीम इंजन के कलपुर्जों की जांच मुकम्मल हो गई है जिसके बाद पठानकोट सहित इंजन के ट्रायल के लिए मेरठ, सहारनपुर व अमृतसर से आए कर्मचारी व अधिकारी जो दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, वे काफी उत्साहित हैं। मंगलवार को स्टीम इंजन को इंजैक्टर के साथ जोड़कर इसकी भाप बनाई गई और उसके बाद इसे डीजल शैड में ही थोड़ा चलाकर ट्रायल लिया गया। इसके बाद एक और ट्रायल इंजन के साथ 2 डिब्बों को जोड़कर लिया जाएगा। 


22 साल बाद दोबारा मिला स्टीम इंजन चलाने का मौका
ट्रायल लेने के लिए डीजल शैड के अधिकारियों ने 4 ड्राइवरों के नाम की सूची को तैयार किया है जिनको तैयार रहने का आदेश जारी कर दिया है। इंजन को चैक करने पहुंचे पठानकोट डीजल शैड के सीनियर ड्राइवर यशपाल ने बताया कि 22 साल बाद दोबारा उन्हें स्टीम इंजन चलाने का मौका मिला है जिसकी मुझे जहां बेहद खुशी है, वहीं थोड़ा अजीब सा महसूस हो रहा है। काफी देर तक डीजल के इंजन चलाने के बाद दोबारा स्टीम इंजन को चलाने में किसी किस्म की कोई दिक्कत नहीं आएगी। 


आज इंजैक्टर लगाकर भाप को चैक किया जाएगा
सहायक यांत्रिक अभियंता डीजल शैड पठानकोट जितेंद्र सिंह ने बताया कि उनके पास 6 ड्राइवर ऐसे हैं जिन्होंने स्टीम इंजन को कई वर्षों तक चलाया है। इतना जरूर है कि स्टीम इंजन और डीजल इंजन को चलाने वाले ड्राइवरों में अंतर होता है। ट्रायल के लिए कौन से 2 ड्राइवर जाते हैं, वह अधिकारियों की ओर से फाइनल किया जाएगा। आज पठानकोट रेलवे स्टेशन पर स्टीम इंजन को इंजैक्टर लगाकर इसकी भाप को चैक किया जाएगा। भाप बनने के बाद इसे डीजल शैड में ही चलाकर देखा जाएगा जिसकी जानकारी हायर अथॉरिटी को भेजी जाएगी। हायर अथॉरिटी फिर ट्रायल को लेकर जैसा आदेश करेगी उसके अनुसार ही इंजन का ट्रायल लिया जाएगा।