IIT मंडी के दीक्षांत समारोह में 211 विद्यार्थियों को बांटी डिग्रियां (Video)

Tuesday, Oct 30, 2018 - 04:14 PM (IST)

मंडी (कुलभूषण): आई.आई.टी. मंडी के छठे दीक्षांत समारोह में सोमवार को 211 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं। इस अवसर पर 29 पीएच.डी. स्कॉलर, 11 एम.एस. (रिसर्च), 28 एम.एससी. (रसायन विज्ञान), 11 एम.एससी. मैथ, 20 एम.टैक. व 112 बी.टैक. के विद्यार्थी शामिल रहे। संस्थान के शिक्षकों, कार्मिकों और विद्यार्थियों के साथ उनके माता-पिता और कई अन्य गण्यमान्य लोग भी इस अवसर पर मौजूद रहे। इस साल पिछले साल की तुलना में डिग्रियां प्राप्त करने वाले रिसर्च स्कॉलरों की संख्या बढ़कर 40 हो गई, जबकि पिछले वर्ष यह 31 थी। 


इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उल्लेख किया कि सबसे नए आई.आई.टी. होने के बावजूद मंडी उच्चकोटि का संस्थान बन कर उभरा है, जहां शिक्षा एवं शोध के साथ इस क्षेत्र की आकांक्षाओं को पूरा करने का बड़ा प्रयास हो रहा है। आई.आई.टी. मंडी के 2 विद्यार्थियों को भारत के राष्ट्रपति द्वारा स्वर्ण पदक (संयुक्त विजेता) के अवार्ड के नवाजा गया, जिसमें कम्प्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग की नेहा मुथियन व सिद्धांत कुमार को यह अवार्ड देकर सम्मानित किया गया।  

अतीत से निकल कर तेजी से तरक्की करने को विद्यार्थी तैयार
छठे दीक्षांत समारोह में आई.आई.टी. मद्रास के पद्मश्री प्रो. अशोक झुनझुनवाला ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि एक ऐसे समय में ग्रैजुएट होना सौभाग्य है की बात है। अब हमारा देश अपने अतीत से निकल कर दुनिया में तेजी से तरक्की करने को तैयार है और एक मजबूत राष्ट्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को खुशी होगी, जब देश की तरक्की में आपका उल्लेखनीय योगदान होगा और आप देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में अक्षय ऊर्जा को ऊर्जा का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत बनाने के लिए ऊर्जा भंडारण के क्षेत्र में बहुत काम करना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे विद्यार्थी जीवाश्म ईंधन मुक्त की कल्पना करें क्योंकि धरती पर जीवन सुरक्षित रखने का एकमात्र यही सबसे अहम उपाय है। उन्होंने कहा कि 2030 तक भारत में सभी वाहन ऊर्जा चालित हो जाएंगे। हालांकि यह बदलाव आसान नहीं होगा। यदि इस मसले पर हम गंभीरता से काम नहीं करेंगे तो देश के लिए गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं। 


पहाड़ों की समस्याओं पर काम करना जरूरी : सोनम वांगचुक
शिक्षा सुधारक और लद्दाख शैक्षिक एवं सांस्कृतिक आंदोलन (एस.ई.सी.एम.ओ.एल.) के संस्थापक निदेशक विशिष्ट अतिथि सोनम वांगचुक ने कहा कि आप सबके लिए पैसा कमाना कठिन नहीं है पर यदि आपके करियर से लाखों लोगों की परेशानियां दूर होती हैं तो यह जीवन सही मायनों में सार्थक होगा। उन्होंने कहा कि पहाड़ों की अनगिनत समस्याएं हैं पर पहाड़ों के बीच ऐसे संस्थान हमारी बड़ी संपदा हैं। प्रौद्योगिकी के दृष्टिकोण से पहाड़ अल्पसंख्यक हैं, जिनकी समस्याओं के हल दिल्ली और न्यूयॉर्क से नहीं आएंगे। इसके लिए बड़े संस्थानों का पहाड़ों के बीच होना और इनके युवा विद्याॢथयों का पहाड़ों की समस्याओं पर काम करना जरूरी है। दीक्षांत समारोह के दौरान सोनम वांगचुक को हिमालय क्षेत्र के प्रसिद्ध प्रौद्योगिकी वैज्ञानिक-2018 के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

182 प्रोजैक्टों के लिए 80 करोड़ की राशि स्वीकृत
सालाना रिपोर्ट पेश करते हुए आई.आई.टी. मंडी के निदेशक प्रो. टिमोथी ए. गोंजाल्विस ने कहा कि 2018 में आई.आई.टी. मंडी में प्रवेश लेने वालों में बी.टैक. के 193, एम.टैक. के 110 और एम.ए. के 13 विद्यार्थी हैं। अब कुल मिलाकर आई.आई.टी. में 1,276 विद्यार्थी हैं। इनमें पीएच.डी. के 274, एम.एससी. के 46 और आई-पीएच.डी. के 17 रिसर्च स्कॉलर हैं। उन्होंने कहा कि प्लेसमैंट सीजन में कमांद कैंपस में 58 कंपनियां आईं, जो संस्थान के लिए सर्वाधिक आंकड़ा है। इन कंपनियों में 83 प्रतिशत कोर कंपनियां हैं। अब तक संस्थान में कुल 182 प्रोजैक्ट स्वीकृत हैं और इनके लिए कुल 80 करोड़ रुपए की राशि भी स्वीकृत है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में आई.आई.टी. मंडी के शिक्षक यूरोप, उत्तरी अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण एशिया और लैटिन अमरीका के विभिन्न संस्थानों में आयोजित सम्मेलनों में भाग लेने गए। गौरतलब है कि विदेशों से विद्यार्थियों के अतिरिक्त 35 से अधिक शिक्षक भी आई.आई.टी. मंडी के दौरे पर आए।

Ekta