जन्मदिन मनाने ट्रैकिंग पर गए 2 छात्रों की मौत, 3 गंभीर

Friday, Apr 07, 2017 - 01:16 PM (IST)

कुल्लू (मनिंदर अरोड़ा) : हिमाचल प्रदेश में कुल्लू जिला की मणिकर्ण घाटी की पहाड़ियों को नापने का शौक 5 छात्रों को भारी पड़ गया है। मणिकर्ण की वादियों में घुमने निकले पांचों युवा पहाड़ियों में रास्ता भूल गए और उनकी जान पर बन आई। बता दें कि यह सभी युवक नेपाल के रहने वाले है और दिल्ली के निजी शिक्षण संस्थान से चार्टर्ड एकाउंटेंट का पप्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है और पहाड़ो का रोमांच उन्हें यहां ले आया। लेकिन उन्हें क्या पता था कि यहां पहाड़ो का रोमांच उनकी लाइफ पर भारी पड़ जाएगा। 

2 साथियों की हालत काफी गंभीर
जानकारी के मुताबिक, 2 दिन पहले यह सभी युवक मलाणा गांव से रसोल की और पैदल ट्रैकिंग पर निकले थे। लेकिन बीच रास्ते में भारी बर्फ के बीच वो रास्ता भटक गए। गौरतलब है कि घाटी में पिछले दो दिनों से भारी बारिश का दौर चल रहा है और पहाड़ों पर बर्फबारी भी हो रही है। जिस कारण इन सभी युवकों की हालत खराब हो गई । पुलिस को जारी मैसेज में युवकों ने अपने 2 साथियों की हालत काफी गंभीर बताई है और कहा कि अगर जल्द ही मदद ना मिली तो कुछ भी हो सकता है। ऐसे में वीरवार शाम को जिला प्रशासन ने पुलिस द्वारा पुलिस का एक बचाव दल छात्रों को ढूंढने के लिए भेजा । लेकिन लगातार खराव मौसम के चलते बचाव दल देर रात तक इन छात्रों की तलाश नहीं कर पाए। दल ने शुक्रवार सुबह फिर से बचाव अभियान शुरू किया और देर शाम इन छात्रों को ढूंढने में सफलता हासिल की। एस डिएम कुल्लू रोहित राठोड ने बताया की मौसम के खराब होने की वजह से यह रास्ता भटक गए और वहा फंस गए । बचाव दल को यह सभी छात्र बुरी अवस्था में मिलते थे इन सभी ने अपने कपड़े निकाल दिए थे जिसके चलते ठंड से इनकी हालत नाजुक बन गई और छात्रों को उन्हें वापिस लाते समय मौत हो गई। जिनका शनिवार सुभह पोस्टमार्टम कर उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा ।

ठण्ड के कारण सभी छात्रों की तबियत खराब
दरअसल, उपचार कर रहे डॉक्टर के मुताबिक उंचाई पर ठण्ड के कारण इन सभी छात्रों की तबियत खराब हो गई थी। छात्रों ने उन्हें वापिस लाते समय दम तोड़ दिया। जबकि एक अन्य छात्र की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई। इन सभी तीनों छात्रों को कुल्लू क्षेत्रीय अस्पताल में भर्ती कर इनका उचार किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर सुरक्षित लौटे छात्रों का कहना है की वे अपने दोस्त का जन्मदिन मनाने यहां आये थे और बुधवार को रसोल गांव की तरफ ट्रैकिंग पर निकले थे और शुक्रवार सबह रसोल गांव से ऊंची पहाड़ों की तरफ निकल पड़े। उन्होंने बताया कुछ दूर जाने के बाद वेह बर्फ में अपना रास्ता भूल गई और वाही फास के रह गए। उन्होंने बताया की एक जगह मोबाइल नेटवर्क मिलने से उन्होंने पुलिस और अपने दोस्तों को अपने रस्ते भटकने की सुचना दी और मदद मांगी । उन्होंने बताया की उनके पास खाने पीने की सभी चीजें खत्म हो गई थी और रहने के लिए टेंट भी नहीं था जिसके चलते उन्हें पूरी रात बर्फ और बारिश में गुजारनी पड़ी।