2 सदस्यीय केंद्रीय टीम ने किया धर्मशाला व देहरा का दौरा

Saturday, Feb 13, 2021 - 10:24 AM (IST)

धर्मशाला (जिनेश) : सालों से लटकी पड़ी केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश की नींव का फैसला अब केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के हाथ में आ गया है। अब केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की मंजुरी के बाद ही धर्मशाला के जदरांगल व देहरा में स्थाई कैंपस का निर्माण मंत्रालय की हरी झंडी के बाद हो पाएगा। इस मर्तवा शुक्रवार को 2 सदस्यीय केंद्रीय टीम ने धर्मशाला व देहरा में चयनित की गई भूमि को जांचा। इस केंद्रीय टीम के आने का मकसद पर्यावरण को हानि पहुंचाने बिना केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थाई कैंपस का निर्माण सुनिश्चित करना है जिसके चलते दोनों ही स्थानों का निरीक्षण उक्त टीम द्वारा किया गया है। केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की टीम ने धर्मशाला स्थित जदरांगल व देहरा में सी.यू. निर्माण के लिए चिंहित भूमि का दौरा किया। देहरा में जहां दोपहर के समय टीम ने दौरा किया जबकि धर्मशाला के जदरांगल में शाम के समय। केंद्र की 2 सदस्यीय टीम में डिप्टी डायरेक्टर जनरल फोरेस्ट पंकज अग्रवाल व एक अन्य सदस्य शामिल रहा।

इस टीम के दौरे का उद्देश्य केवल इतना रहा है कि केंद्रीय वि.वि. की ओर भवन निर्माण को लेकर मांगी जा रही वन भूमि संबंधी क्लीयरेंस को लेकर क्या औचित्य है और क्या इस तरह से सी.यू. की ओर से निर्माण किया जाएगा जो पर्यावरण संरक्षण को लेकर हो क्योंकि धौलाधार की तलहटी पर बनने वाली धौलाधार के दोनों कैंपस में किसी भी प्रकार से भविष्य में पर्यावरण संरक्षण को लेकर कोई चूक न हो। धर्मशाला के जदरांग से 75 हेक्टेयर भूमि को लेकर फ ोरेस्ट क्लीयरेंस का मामला केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को मंजूरी के लिए गया है। हालांकि 24 हेक्टेयर भूमि पहले ही सी.यू. के नाम हो चुकी है। 2 सदस्यीय टीम के साथ मुख्य अरण्यपाल वन वृत्त धर्मशाला और अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी साथ रहे। उक्त 2 सदस्यी टीम अपनी रिपोर्ट केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को सौपेंगी जिसके उपरांत केंद्रीय विश्वविद्यालय कैंपस निर्माण को हरी झंडी मिल सकेगी। डीएफओ धर्मशाला डॉ. संजीव शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से 2 सदस्यीय टीम ने देहरा व जदरांगल में प्रस्तावित केंद्रीय विश्वविद्यालय की जमीन का निरीक्षण किया है। अब आगामी रिपोर्ट को 2 सदस्यीय टीम केंद्रीय मंत्रालय को सौपेंगी जिसके बाद ही भवन निर्माण सुनिश्चित हो पाएगा।
 

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prashant sharma