टांडा में 62 वेंटिलेटरों में से 16 खराब, कैसे मिले संक्रिमतों को स्वास्थ्य उपचार

Saturday, May 15, 2021 - 11:12 AM (IST)

कांगड़ा (कालडा) : घातक साबित हो रही कोरोना की दूसरी लहर के बीट वैंटिलेटर इंतजाम ढाक के तीन पात साबित हो रहे है। जिला कांगड़ा के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान टांडा मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल में कुल लगभग 62 वैंटिलेटरों में से 16 खराब है। ऐसे में गंभीर स्थिति से गुजर रहे संक्रमितों को कैसे उपचार मिले यह अपने आप में ही सवाल खड़ा हो गया है। बताया जा रहा है कि टांडा मेडिकल काॅलेज को हाल हीं में पी.एम. केयर से 43 जबकि मुख्यमंत्री की तरफ से 10 वैंटिलेटर मिले थे। जबकि 9 वैंटिलेटर टांडा अस्पताल में पहले से ही थे। लेकिन इनमें से 16 वैंटिलेटर खराब है। जिला कांगड़ा की लाखों की आबादी को ऐसे में किस तरह स्वास्थ्य लाभ मिल पाएंगा। जबकि इस संस्थान पर चंबा, उना सहित अन्य जिले भी निर्भर रहते है। प्रदेश के दो बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में से टांडा भी शामिल है। हालाकि सरकार की ओर से कई दावे किए जा रहा है लेकिन धरातल की सच्चाई किसी से छिपी नहीं है।

सिटी स्कैन मशीन अभी तक पड़ी है खराब

प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े मेडिकल काॅलेज में अभी तक भी सिटी स्कैन मशीन खराब पड़ी है। काफी लंबा समय बीतने के बाद भी इस मशीन को टांडा प्रशासन द्वारा ठीक नहीं करवाया जा सका है। प्रशासन का कहना है कि यह सिटी स्कैन मशीन काफी पूरानी हो गई है तथा नई सिटी स्कैन मशीन टांडा में लगाने का प्रयास किया जा रहा है। बता दै कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी कुछ समय पहले टांडा मेडिकल काॅलेज की खराब पड़ी सिटी स्कैन मशीन को ठीक करवाने की बात की थी साथ ही मुख्यमंत्री ने नई सिटी स्कैन मशीन के साथ-साथ नई एम.आर.आई. मशीन टांडा में स्थापित करने की घोषणा की थी, लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी अभी तक धरातल पर कुछ भी देखने को मिल रहा है। टांडा मेडिकल काॅलेज के प्रधानाचार्य डाॅ. भानू अवस्थी ने कहा कि टांडा में कुछ वैंटिलैटर खराब चले है, वैंटिलैटरस को ठीक करवाने के लिए बोला गया है। 

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prashant sharma