प्रदेश की पंचायतों में खर्च नहीं हुए 156 करोड़, जानिए क्या है वजह

Sunday, Nov 19, 2017 - 09:54 AM (IST)

सोलन: प्रदेश की 3226 पंचायतों में 156 करोड़ रुपए खर्च ही नहीं हो पाए हैं। चुनाव आचार संहिता के कारण पंचायतें इस पैसे को खर्च नहीं कर पा रही हैं। इस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में सभी विकास कार्य ठप्प पड़े हुए हैं। केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 14वें वित्त आयोग की 156 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी की थी। इसके तहत प्रदेश की सभी 3226 पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों पर प्रति व्यक्ति 227.65 रुपए खर्च होने थे।

बजट के लिए आबादी ही नहीं
पिछले वर्ष की तुलना में 14वें वित्त आयोग में 80 रुपए प्रति व्यक्ति बजट की वृद्धि हुई थी। इस बार बजट सीधा पंचायतों के बैंक खातों में जमा हुआ है। इससे पूर्व जिला पंचायत कार्यालय के माध्यम से पंचायतों को बजट का आबंटन होता था, लेकिन इस बार पंचायतों के खातों में बजट सीधा जमा हो रहा है। 14वें वित्त आयोग में विकास कार्यों के लिए जारी किए जा रहे बजट के लिए आबादी ही नहीं, बल्कि ग्राम पंचायतों के क्षेत्रफल को आधार बनाया गया है। इससे सभी पंचायतों में एक सामान विकास को बढ़ावा मिलेगा।

अब पंचायतों को सीधे बजट होगा जारी
14वें वित्त आयोग के तहत जारी होने वाले कुल बजट का 90 फीसदी जनसंख्या तथा 10 फीसदी क्षेत्रफल के अनुसार पंचायतों को जारी होगा। इसके लिए वर्ष 2011 की जनगणना को आधार बनाया गया है। 14वें वित्त आयोग में जिला परिषद व पंचायत विकास समिति को दरकिनार किया गया है। 13वें वित्त आयोग के तहत ग्राम पंचायतों को जिला परिषद व पंचायत विकास समिति के माध्यम से ही बजट जारी किया जाता था, लेकिन अब पंचायतों को सीधे बजट जारी होगा।

वार्षिक योजना तैयार की जाएगी
इससे प्रत्येक पंचायत को एक निर्धारित बजट सुनिश्चित हो जाएगा। ग्राम पंचायतें 14वें वित्त आयोग की राशि को बुनियादी/आधारभूत सेवाओं को सुचारू रूप से प्रदान करने हेतु उपयोग करेगी। सरकार द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि उक्त राशि को व्यय करने के लिए ग्राम सभा द्वारा एक वार्षिक योजना तैयार की जाएगी, जिसका अनुमोदन जिला स्तर पर होगा। सरकार द्वारा विकास योजना तैयार करने के लिए ग्राम पंचायतों को विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए जा रहे हैं।

प्रति वर्ग किलोमीटर विकास पर खर्च होंगे 2892.45 रुपए 
14वें वित्त आयोग में कुल बजट का 10 फीसदी पंचायत के क्षेत्रफल के मुताबिक विकास कार्यों पर खर्च होगा। प्रत्येक पंचायत में 2892.45 रुपए प्रति वर्ग किलोमीटर विकास कार्यों पर खर्च होंगे। पंचायत का क्षेत्रफल जितना वर्ग किलोमीटर में फैला होगा, 2892.45 रुपए प्रति वर्ग के किलोमीटर के हिसाब से उतना ही बजट जारी होगा।