शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य के 140 और मुख्याध्यापकों के 145 पद रिक्त

Wednesday, May 16, 2018 - 12:22 PM (IST)

कुल्लू: प्रदेश पदोन्नत प्राध्यापक संघ जिला कुल्लू ने मंगलवार को बैठक का आयोजन किया। इसमें चर्चा की गई कि वर्तमान में प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्यों के करीब 140 एवं मुख्याध्यापकों के करीब 145 पद रिक्त चल रहे हैं। छात्र हित में तथा शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए इन पदों को पदोन्नति द्वारा भरा जाना आवश्यक है। प्रधानाचार्य या मुख्याध्यापक का पद खाली होने से पाठशाला में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ अन्य भी प्रभावित होती हैं, साथ ही जो अध्यापक पदोन्नत होने वाले हैं, उनके लिए भी यह पदोन्नति सूची जारी होना आवश्यक है। क्योंकि एक लंबी सेवा के पश्चात अध्यापकों को यह अवसर प्राप्त होता है। 


पदोन्नत स्कूल प्राध्यापक संघ जिला कुल्लू की समस्त कार्यकारिणी माननीय मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव व निदेशक उच्च शिक्षा विभाग से आग्रह करती है कि इन पदों को अतिशीघ्र पदोन्नति द्वारा भरा जाए। इसके साथ ही 26-04-2010 के बाद पदोन्नत प्रवक्ताओं का पदनाम पी.जी.टी. के स्थान पर प्रवक्ता किया जाए तथा मुख्याध्यापक की पदोन्नति के लिए उनसे विकल्प की शर्त को तुरंत वापस लिया जाए। लंबे समय से लगभग सभी शिक्षक संघ सरकार व विभाग से इन मांगों को पूरा करने का आग्रह करते आ रहे हैं परन्तु बार-बार केवल आश्वासन ही इन मांगों को पूरा करने का मिलता है।


ये हैं मांगें 
संघ ने मांग की कि पदोन्नति पर ग्रेड पे के लिए 2 वर्ष सेवा शर्त को खत्म किया जाए, प्रवक्ताओं की वरिष्ठता सूची को माननीय शिक्षा सचिव के आदेशों के अनुसार सीधी भर्ती वाले प्रवक्ताओं व पदोन्नत प्रवक्ताओं में निर्धारित किया जाए, पुरानी पैंशन व्यवस्था को बहाल किया जाए, वहीं मुख्याध्यापक के रूप में पदोन्नति पर पदोन्नत प्राध्यापकों का वेतन कम हो जाता है, जोकि गलत है, अत: संघ मांग करता है की पदोन्नति पर मुख्याध्यापकों का वेतन सुरक्षित किया जाए। 4-9-14 के वित्तीय लाभों को लेकर वित्त विभाग की 7-7-2014 की अधिसूचना को रद्द किया जाए तथा शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि करने के लिए अध्यापकों को गैर-शिक्षण कार्यों से मुक्त किया जाना आवश्यक है। 
 

Ekta