स्वेच्छा से छुट्टी पर गए 108 व 102 एम्बुलैंस के कर्मचारी, मरीजों पर संकट

punjabkesari.in Sunday, Nov 15, 2020 - 10:01 PM (IST)

शिमला (राजेश): हिमाचल में मरीजों को अस्पताल पहुंचने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 108 व 102 एम्बुलैंस के कर्मचारी पहले दी चेतावनी के बाद दिवाली की रात के बाद स्वेच्छा से छुट्टी पर चले गए हैं। रविवार को भी शिमला सहित प्रदेश के किसी भी जिला में 108 व 102 एम्बुलैंस नहीं चलीं, ऐसे में प्रदेश में मरीजों को एम्बुलैंस न मिलने से परेशानी का सामना भी करना पड़ा। कंपनी प्रबंधन द्वारा बार-बार कर्मचारियों को परेशान करने के बाद अब कर्मचारियों ने स्वेच्छा से नौकरी पर न आने का फैसला लिया है जब तक सरकार कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं करती है।

कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहा कंपनी प्रबंधन, वेतन में भी की कटौती

कर्मचारियों का कहना है कि कोविड काल में स्वास्थ्य विभाग के साथ 108 व 102 एम्बुलैंस के कर्मचारियों ने कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है और कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचाया है लेकिन इसके बावजूद कंपनी प्रबंधन कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहा है । कहीं कर्मचारियों को वेतन काटा जा रहा है तो कहीं कर्मचारियों को तबादला किया जा रहा है, वहीं कर्मचारियों को नौकरी से बाहर भी निकाला गया है, ऐसे में प्रदेश के 1200 कर्मचारी स्वेच्छा से छुट्टी पर चलेे गए हैं। इसमें कर्मचारी यूनियन भी कर्मचारियों के साथ खड़ी है। प्रदेश में 102 एम्बुलैंसों की संख्या करीब 125 है, वहीं 108 एम्बुलैंसों की संख्या करीब 200 है। कर्मचारियों के स्वेच्छा से छुट्टी जाने पर ये एम्बुलैंस खड़ी हो गई हैं, ऐसे में सोमवार से मरीजों को अस्पताल पहुंचने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

जिला शिमला में एस्मा लागू

108 व 102 कर्मचारियों के स्वेच्छा से छुट्टी पर चले जाने के बाद डीसी शिमला आदित्य नेगी ने एस्मा लागू कर दिया है। इसके तहत यदि कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं आता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।  किसी कर्मचारी को प्रदर्शन या छुट्टी पर जाने से पहले प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ेगी।

क्या कहते हैं 108 व 102 यूनियन के चेयरमैन

मामले को लेकर 108 व 102 यूनियन के चेयरमैन पूर्ण चंद का कहना है कि कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय यूनियन का नहीं है। सभी कर्मचारी अपनी स्वेच्छा से छुट्टी पर गए हैं। कर्मचारियों की मांग है कि कर्मचारियों को प्रताडि़त करना बंद किया जाए और कंपनी प्रबंधक को हटाया जाएगा। इसके अतिरिक्त वेतन में कटौती नहीं की जाए। कंपनी कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर रही है। इसके अतिरिक्त निकाले गए कर्मचारियों व ट्रांसफर किए गए कर्मचारियों को बहाल किया जाए। कंपनी कर्मचारियों की मांग को अनसुना कर रही है, ऐसे में कर्मचारियों ने स्वेच्छा से यह निर्णय लिया है।


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Vijay

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