104 सहकारी सभाओं का नहीं हुआ ऑडिट, इंस्पेक्टर जनरल की ली जा रही मदद

Wednesday, Nov 13, 2019 - 11:15 AM (IST)

सोलन (पाल): जिला सोलन में 104 सहकारी सभाओं का ऑडिट ही नहीं हुआ है। सहायक पंजीयक कार्यालय में इंस्पैक्टर (ऑडिट) की भारी कमी इसका कारण बताई जा रही है। इसे देखते हुए सहायक पंजीयक कार्यालय ने अब इन संस्थाओं के ऑडिट के लिए इंस्पैक्टर (जनरल ) की मदद लेनी पड़ रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला सोलन में 422 सहकारी सभाएं हैं। सहायक पंजीयक कार्यालय 31 मार्च तक इनमें से 318 सभाओं का ऑडिट करने में कामयाब रहा जबकि 104 सभाओं का ऑडिट नहीं हो सका। मजेदार बात यह है कि जिला में ऐसी सभाओं की संख्या काफी अधिक है जो अपने अकाऊंट भी मैंटेन नहीं कर रही है। 

वे केवल रजिस्टर में ही लेन-देन की एंट्री कर रही है। इसके कारण सभा का ऑडिट कर रहे इंस्पैक्टर का काम बढ़ रहा है। उन्हें संस्था के हिसाब-किताब का ऑडिट करने से पूर्व उनकी कैश बुक व लेजर व बैलेंस शीट तक बनानी पड़ रही है। इसके कारण ऑडिट में बेवजह की देरी हो रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला में इंस्पैक्टर (ऑडिट) के कुल 20 पद हैं जिसमें से 12 खाली हैं। 8 इंस्पैक्टर के ऊपर ही 422 सहकारी सभाओं के ऑडिट का जिम्मा है। ऐसा नहीं है कि इंस्पैक्टर (जनरल) के सभी पद भरे हुए हैं। 

जिला सोलन में इनके कुल 18 पद हैं लेकिन इसमें से 7 पद खाली हैं। जिला सोलन में सहकारी सभाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए इंस्पैक्टर की भूमिका अहम हो जाती है। सभाओं में वित्तीय अनियमितता के मामले इंस्पैक्टर का ही पकडऩे हैं लेकिन यह तभी संभव हो पाया जब कार्यालय में पर्याप्त संख्या में स्टाफ होगा।  एक इंस्पैक्टर के जिम्मे 40 से 50 सभाओं के ऑडिट की जिम्मेदारी होगी तो काम के दबाव में कई बार कई मामले पकड़ में भी नहीं आते। जिला सोलन में भी कई संस्थाओं में वित्तीय अनियमितता के मामले सामने आए हैं। उनमें प्रशासकों की नियुक्ति की गई है। 

Edited By

Simpy Khanna